वाराणसी: शहर की सीमा को बढ़ाने के लिए बनारस से सटे 86 गांव को बनारस नगर निगम में शामिल किया गया. लेकिन अब यही गांव बनारस के लिए खतरा साबित हो रहे हैं. क्योंकि, शहरी सीमा में आने के बाद अब यहां से इस बार डेंगू के जो आंकड़े सामने आए हैं. वह सबको चौंकाने वाले हैं. डेंगू के मामले में शहर के 68 चिन्हित हॉटस्पॉट में से लगभग 20 से ज्यादा इन्हीं ग्रामीण क्षेत्रों से हैं, जो अब शहरी सीमा में शामिल हो चुके हैं.
जिले में लगभग 400 से ज्यादा केस रजिस्टर्ड हुए हैं. उनमें से 260 से ज्यादा केस इन्हीं ग्रामीण इलाकों से सामने आए हैं, जिसने बनारस को खतरे में डाल दिया है. नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग की टीम ने वाराणसी के डेंगू विस्तार को लेकर एक सर्वे (Survey for dengue expansion in Banaras) करवाया है. नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एनपी सिंह ने बताया कि इस बार डेंगू का विस्तार काफी तेजी से हुआ है. पिछले साल जहां 200 से 250 केस रजिस्टर्ड हुए थे. इस बार इसकी संख्या 400 से ज्यादा हो गई है. इस वजह से डेंगू के विस्तार को रोकने नगर निगम ने शहर के उन इलाकों का सर्वे कराया है, जहां से डेंगू की स्थिति ज्यादा गंभीर दिखाई दे रही थी.
जानकारी देते नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एनपी सिंह नगरीय सीमा ने हाल ही में शामिल हुए नए इलाकों में सुसुवाही, काशी विद्यापीठ ब्लॉक, सारनाथ क्षेत्र के कई इलाके शामिल हैं. इन इलाकों से डेंगू के मरीजों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है. सर्वे रिपोर्ट के (Banaras Dengue Survey Report) अनुसार, इन सभी क्षेत्रों में डेंगू के विस्तार की सबसे बड़ी वजह यहां पर खाली प्लॉट में सीवर के पानी का भरना और सीवर की व्यवस्था का पूरे क्षेत्र में ना होना है.
नगर स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि समय रहते इन इलाकों में डेवलपमेंट नहीं हुआ तो निश्चित तौर पर आने वाले साल में खतरा और तेजी से बढ़ जाएगा. इसलिए प्रशासनिक स्तर पर यह जानकारी आला अधिकारियों तक लिखित तौर पर भी पहुंचा दी गई है. डेंगू के विस्तार (Dengue expansion in Banaras new urban areas) में नगरीय क्षेत्र में शामिल यह ग्रामीण इलाके बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. जिसे अभी कंट्रोल करना जरूरी है. इन इलाकों में रहने वाले लोगों को पहले प्लानिंग करके इन्हें नगर की सीमा में शामिल किया जाता, तो ज्यादा बेहतर था.
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