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वाराणसी: काशी विद्यापीठ में लापरवाही का मामला, केंद्र पर नहीं पहुंचा प्रश्न पत्र - Varanasi news

यूपी के वाराणसी में स्थित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में हो रही सेमेस्टर परीक्षाओं में विश्वविद्यालय प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. सोमवार को द्वितीय पाली में एमए गांधी अध्ययन चतुर्थ सेमेस्टर के द्वितीय परीक्षा के प्रश्न पत्र केंद्र पर न पहुंचने पर परीक्षार्थियों ने जमकर हंगामा किया.

परीक्षार्थियों ने किया हंगामा
परीक्षार्थियों ने किया हंगामा

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Published : Sep 28, 2020, 8:05 PM IST

वाराणसी:जिले में काफी विवादों के बाद महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में हो रही सेमेस्टर परीक्षाओं में अब विश्वविद्यालय प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. सोमवार को द्वितीय पाली में एमए गांधी अध्ययन चतुर्थ सेमेस्टर की द्वितीय प्रश्न पत्र की परीक्षाएं होनी थीं, जबकि परीक्षा केंद्रों पर प्रश्न पत्र ही नहीं पहुंचे. प्रश्न पत्र न बनने की सूचना पर परीक्षार्थी छात्रों ने जमकर हंगामा किया.

परीक्षार्थियों ने परीक्षा केंद्र पर ही विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की. इस मामले ने कुछ इस प्रकार तूल पकड़ा कि देखते ही देखते परीक्षार्थी छात्र नेता राज मंगल पांडेय के नेतृत्व में अप्रत्याशित लापरवाही बरतने और जांच की मांग को लेकर छात्र धरने पर बैठ गए. जैसे ही छात्र एकत्रित होकर धरने पर बैठे वैसे ही विश्वविद्यालय प्रशासन और प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए.

इसी बीच विश्वविद्यालय प्रशासन ने आनन-फानन में द्वितीय पाली की परीक्षा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. इस संबंध में कुलसचिव साहब लाल मौर्या ने लिखित आदेश जारी किया तब जाकर छात्रों ने धरना समाप्त किया.

विश्वविद्यालय प्रशासन की इस अप्रत्याशित लापरवाही को लेकर छात्र नेता राज मंगल पांडे ने बताया कि देर शाम कुलसचिव ने इस प्रकरण की जांच को 15 दिन के अंदर पूरी कराने के आदेश दिए हैं. उन्होंने बताया कि कुलसचिव ने आश्वासन दिया है कि जांच की रिपोर्ट में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन्हें कठोरता से दंडित किया जाएगा.

इस संबंध में राज मंगल पांडे ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इस प्रकार की घोर अनियमितता से प्रशासन को अवगत कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस प्रकार की लापरवाही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. अगर इसकी पुनरावृत्ति हुई तो बड़े पैमाने पर विश्वविद्यालय प्रशासन का विरोध किया जाएगा.

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