वाराणसीः देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी में देवताओं की दीपावली को देखने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेश के लोग भी बेहद उत्सुक रहते हैं. इस बार देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार देव दीपावली का दीदार करने 30 नवंबर को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी आ रहे हैं. जिसको लेकर विभिन्न प्रकार की तैयारियां की जा रही हैं. प्रधानमंत्री का स्वागत के लिए छात्रों द्वारा काशी के घाटों की दीवारों पर आकर्षक और सुंदर पेंटिग बना रहे हैं.
प्रधानमंत्री के स्वागत में बनारस के घाटों पर छात्र बना रहे पेंटिंग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार देव दीपावली का दीदार करने 30 नवंबर को वाराणसी आएंगे. प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए बनारस में तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. वहीं छात्र-छात्राओं ने प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए काशी के घाटों पर पेंटिंग बना रहे हैं.
150 छात्र-छात्राएं बना रहे पेंटिंग
धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में देव की दीपावली बेहद ही खास होती है. यही वजह है कि बनारस के लोग इस दीपावली को श्रद्धा के साथ मनाते हैं. पीएम के आगमन को देखते हुए तैयारी और भव्य रूप दिया जा रहा है. महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, काशी हिंदू विश्वविद्यालय तमाम कॉलेजों के छात्र मिलकर बनारस के दीवारों और घाटों पर अलग-अलग पेंटिंग बना रहे हैं. अस्सी घाट पर विभिन्न मंदिरों की पेंटिंग, नमामि गंगे की पेंटिंग, वाराणसी में रहने वाले साधू संतो की पेंटिंग, स्वच्छता जल संरक्षण और गंगा स्वच्छता पेंटिंग आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. पूरे शहर में लगभग 150 से अधिक छात्र-छात्राएं मिलकर पेंटिंग बना रहे हैं.
छात्र अलग-अलग थीम पर बना रहे पेंटिंग
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की छात्रा दीक्षा श्रीवास्तव ने बताया देव दीपावली के अवसर पर प्रधानमंत्री वाराणसी आ रहे हैं. प्रधानमंत्री के स्वागत में हमलोग अस्सी घाट के सभी दीवारों को पेंटिंग के माध्यम से सजा रहे हैं. जिसमें नमामि गंगे बनारस की घाट बनारस के मंदिर बाबा विश्वनाथ, भगवान गणेश की पेंटिंग हम लोग बना रहे हैं. हर घाट पर हम लोग अलग-अलग थीम पर पेंटिंग बना रहे हैं.
पेंटिंग में बनारस की परंपरा की झलक
छात्र अतिथि श्रीवास्तव ने बताया प्रत्येक वर्ष देव दीपावली को हम लोग अपने घरों को सजाकर बहुत ही सुंदर बनाते हैं. हम बनारस के घाटों को इतने अच्छे से उनके दीवारो को सजा रहे हैं. साधु, भगवान शिवलिंग, नमामि गंगे की पेटिंग बना रहे हैं, ताकि जब यहां से प्रधानमंत्री गुजरे तो उनको लगे कि नहीं बनारस की परंपरा आज भी जीवित है. सुबह बनारस की पेंटिंग बना रहे हैं.