वाराणसी:पूरे देश में कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए लॉकडाउन घोषित कर दिया गया था. इस दौरान सभी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय को बंद कर दिया गया था. ऐसे में विश्वविद्यालय के सभी छात्रावासों को भी बंद करा दिया गया था और विद्यार्थियों को घर जाने का आदेश भी दे दिया गया था, लेकिन कुछ छात्र विश्वविद्यालय में थे, जिनके लिए कुछ छात्रावासों को खुला छोड़ दिया गया था. अब उन छात्रावासों को खाली कराया जा रहा है.
अनलॉक-1 में पहले काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्रावास को खाली कराया गया था तो वहीं इसी क्रम में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के नवीन छात्रावास को खाली कराया गया. इससे छात्रों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है.
हॉस्टल खाली कराए जाने पर छात्र हुए आक्रोशित
हॉस्टल खाली कराए जाने के संबंध में विद्यार्थियों का कहना है कि इसकी सूचना पहले से नहीं दी गई थी. हॉस्टल अचानक से खाली करा दिया गया है. छात्रों का कहना है कि इस कोरोना काल वह कहां जाएंगे. वहीं विद्यार्थियों के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए विश्वविद्यालय में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है. इससे कि कोई भी अप्रिय घटना न घटित हो सके. लॉकडाउन में इस विश्वविद्यालय के अन्य सभी छात्रावासों को खाली करा दिया गया था, लेकिन विद्यार्थियों के अनुरोध पर कुछ हॉस्टल को छोड़ दिया गया था.
हॉस्टल खाली कराए जाने के संबंध में छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र दिया है. इसके पश्चात वह जिलाधिकारी आवास पर पत्र देने जा ही रहे थे, जहां उनको रास्ते में ही प्रशासन ने रोक दिया. इस दौरान मौके पर मौजूद चेतगंज सीओ अनिल कुमार ने समझा-बुझाकर छात्रों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का जल्द से जल्द निस्तारण किया जाएगा.
लॉकडाउन में आने-जाने की असुविधा को देखते हुए थोड़े दिन के लिए छात्रावास को खोल दिया गया था. अब साधन मिलने लगे हैं, ऐसे में छात्रावास को खाली कराया जा रहा है. विश्वविद्यालय बंद है और कक्षाएं भी नहीं चल रही हैं. ऐसे में हॉस्टल के खुले रहने का कोई औचित्य नहीं है.
-प्रो. आशुतोष मिश्रा, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय