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जनता कर्फ्यू का असरः बनारस की गलियां और घाट हुए वीरान, दूर-दूर तक कोई नहीं

जनता कर्फ्यू को लेकर प्रधानमंत्री के आवाहन के बाद आज वाराणसी के घाट और गलियां बिल्कुल सूनी दिखीं. इंसान तो क्या परिंदे भी घाटों पर नहीं दिखे. जिन घाटों और गलियों में 24 घंटे चहल-पहल रहती है, वहां आज एक भी व्यक्ति नहीं दिखाई दे रहा है. वहीं भटककर आने वालों के लिए पुलिस जरूर तैनात है.

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अस्सी घाट वाराणसी

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Published : Mar 22, 2020, 7:44 PM IST

वाराणसीः कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए पूरा देश आज तैयार दिखा. प्रधानमंत्री के आह्वान पर उनके संसदीय क्षेत्र में भी जनता कर्फ्यू का नजारा साफ दिखा. हमेशा गुलजार रहने वाला वाराणसी का प्रसिद्ध अस्सी घाट आज बिल्कुल सूना रहा. घाट पर एक भी व्यक्ति नहीं दिखे. वहीं गलियों में भी कोई नजर नहीं आया दूर-दूर तक गलियां बिलकुल सून-सान दिखीं.

बनारस हुआ सूना.
कोरोना को लेकर जनता जागरूकबनारस को घाटों और गलियों का शहर कहा जाता है. लेकिन आज बनारस के घाट और गलियां बिलकुल शांत देखी गई. अस्सीघाट, तुलसीघाट, केदार घाट, जैन घाट, चेत सिंह घाट, रविदास घाट सभी घाटों पर नजारा सूना ही रहा. वहीं गलियों में भी यही हालत रही सारे दुकानें बंद नजर आईं और गलियां बिल्कुल सूनी. बनारस की कई गलियां तो पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं जैसे- बनारस की कचौड़ी गली, विश्वनाथ गली सब सूनी रहीं. इससे साफ पता चलता है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए इस लड़ाई में काशी की जनता कितनी जागरूक है.

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लोग कर रहे मास्क और सेनिटाइजर का प्रयोग
वहीं राजू झा ने बताया कि बनारस गलियों का शहर है. आज मोदी जी का जनता कर्फ्यू का जो आह्वान था इसके कारण हर एक गलियों में सन्नाटा पसरा हुआ है. बनारस की जनता कोरोना वायरस को लेकर जागरूक है. सभी लोग मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग कर रहे हैं. लोग अपने घरों में हैं कोई कहीं आ जा नहीं रहा है.

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