वाराणसी:स्ट्रीट वेंडरों के लिए पूरे देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी योजना पीएम स्वनिधि योजना चलाई जा रही है. इसके तहत 10 हजार रुपये ऋण लेने वाले रेहड़ी व्यापारियों को स्वनिधि योजना से जोड़ा जाना है. स्वनिधि योजना के तहत केंद्र सरकार की आठ योजनाओं का लाभ भी मिलेगा. इसके लिए वेंडरों का आर्थिक एवं सामाजिक प्रोफाइल भी बनाया जा रहा है. वाराणसी में लगभग 24000 स्ट्रीट वेंडरों को जोड़ने का काम हो चुका गया है. जबकि मार्च तक 30 हजार वेंडरों को जोड़ा जाना है. इसका उद्देश्य वेंडरों के परिवार की आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति मजबूत करना है.
जिले के ठेला, पटरी व्यापारियों को मजबूत करने के लिए सरकार स्वनिधि योजना चला रही है. ठेला, पटरी व्यापारी पैसे नहीं होने पर वह बैंक से 10 हजार रुपये का लोन बिना गारंटी के ले सकता है. इसमें 7 प्रतिशत की सब्सिडी शामिल है. इससे उसे व्यापार शुरू करने में मदद मिल सकती है. इस योजना के तहत सरकार की 8 अन्य योजनाओं का भी उसे फायदा मिलेगा. ठेला, पटरी व्यापारी के परिवार की आर्थिक प्रोफाइल बनाने का भी काम किया जा रहा है. इसके बाद उसे सामाजिक कल्याण विभाग की अन्य स्कीमों का भी फायदा मिल सकेगा.
22 हजार लोगों को मिलेगा योजना का लाभ
ठेला पटरी व्यापार समिति के अध्यक्ष अभिषेक निगम ने बताया कि नगर निगम, डूडा, ठेला पटरी व्यापारी समिति के संयुक्त तत्वावधान शहर के 22 हजार लोगों को पीएम स्वनिधि योजना का लाभ मिल चुका है. बचे हुए लोगों को विभाग की तरफ से सूचनाएं दी जा रही हैं. प्रशासन से समन्वय स्थापित कर वेंडरों के बचे हुए ऋण को जल्द से जल्द स्वीकृत किया जाए.
सूदखोरों से मिलेगी मुक्ति
अभिषेक निगम ने बताया की प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अंतर्गत स्ट्रीट वेंडरों को 10 रुपये का ऋण दिया जाना है. इसमें ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने पर सब्सिडी दी जाएगी. इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि छोटे व्यापारी भी सूदखोरों के चंगुल से मुक्त हो जाएंगे. इससे स्ट्रीट वेंडरों और बैंक के मध्य एक पहचान बनेगी.
बैंक से स्थापित किया जा रहा है समन्वय
पीएम स्वनिधि योजना पर अभिषेक निगम ने बताया कि नगर निगम और डूडा ने काफी सहयोग किया है. इस योजना को बैंक के कुछ मैनेजर समझ नहीं पा रहे हैं. इसको लेकर नगर निगम और एलटी विभाग के अधिकारियों द्वारा समन्वय स्थापित किया जा रहा है. इससे जल्द ही इस समस्या को शॉर्ट आउट कर लिया जाएगा .
59 हजार वेंडरों में से 22 हजार को मिली स्वनिधि