वाराणसी:काशी में तुलसी घाट पर अखाड़े में सैकड़ों वर्ष बाद महिलाओं को एंट्री मिली थी. गौरतलब है कि इस अखाड़े में गोस्वामी तुलसीदास जी भी रियाज किया करते थे. तुलसी घाट पर स्टेटस अखाड़े में पहले पुरुष पहलवानी करते हुए दिखते थे, लेकिन संकट मोचन के महंत प्रो. विशम्भर नाथ मिश्रा ने समाज के मिथक को तोड़ते हुए महिलाओं को इस अखाड़े में एंट्री दिलाई थी.
'स्टेटस अखाड़े' में महिला नहीं कर सकती थी कुश्ती
संकट मोचन मंदिर के महंत विशम्भर नाथ का कहना है कि अखाड़े की स्थापना रामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास ने की थी. इस अखाड़े में कभी भी जाति और धर्म का भेदभाव नहीं किया गया. बल्कि सभी धर्म के लोगों को पुष्टि करने का मौका मिलता था. विडंबना यह थी कि अखाड़े में महिला कुश्ती नहीं कर सकती थी.
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