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जीआई उत्पादों को मिलेगी नयी उड़ान, काशी विश्वनाथ धाम में तैयार हुआ यह प्लान

पूर्वांचल के जीआई उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने के लिए अब काशी के मंदिर चौक में जीआई उत्पादों के लिए स्टॉल लगाए जाएंगे. अब काशी विश्वनाथ धाम की खूबसूरती निहारने के साथ-साथ देश के अलग-अलग हिस्सों से बाबा विश्वनाथ के दरबार में आने वाले श्रद्धालु काशी और पूर्वांचल के उत्पादों को भी जान और देख सकेंगे.

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Published : Dec 30, 2021, 6:17 PM IST

थंबनेल
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वाराणसी : 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण कर इसे देश को समर्पित कर दिया. लोकार्पण के बाद विश्वनाथ धाम की खूबसूरती को निहारने के लिए हर रोज यहां हजारों की संख्या में भक्तों की लंबी कतार लग रही है. ख़ास बात यह है कि एक ओर जहां विश्वनाथ कॉरिडोर के जरिए काशी की प्राचीन संस्कृति विश्व पटल पर अपनी पहचान बना रही है तो वहीं दूसरी ओर यहां पर आने वाले श्रद्धालु काशी के जीआई उत्पाद को एक नयी उड़ान देंगे.

पूर्वांचल के जीआई उत्पादों को विश्व फलक पर पहुंचाने के लिए अब मंदिर चौक में जीआई उत्पाद के स्टॉल लगेंगे. इससे जुड़े कारीगरों और व्यापारियों को इससे काफी फायदा होगा. अब काशी विश्वनाथ की खूबसूरती निहारने के साथ-साथ देश के अलग-अलग हिस्सों से बाबा विश्वनाथ के दरबार में आने वाले श्रद्धालु काशी और पूर्वांचल के उत्पादों को भी जान और देख सकेंगे. इसके लिए उद्योग विभाग की तरफ से काशी विश्वनाथ धाम चौक में इन उत्पादों का स्टॉल लगाया जाएगा.

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इसके साथ ही श्रद्धालुओं के जरिए देश और दुनिया तक इन उत्पादों की खूबी पहुंचाई जाएगी. इससे जहां कारीगरों की आय में बढ़ोतरी होगी तो वहीं रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे. इन उत्पादों में वुड कार्विंग क्राफ्ट, हैंड ब्लॉक प्रिंटिंग क्राफ्ट, जरी जरदोजी, हैंड एंब्रॉयडरी, सॉफ्ट स्टोन जाली वर्क, ग्लास बीड्स, वुडेन वेयर एंड टॉयज, गुलाबी मीनाकारी, मेटल रिपोज़ी, बनारस ब्रोकेड, पान, साड़ी समेत अन्य कई उत्पाद शामिल हैं.

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जीआई विशेषज्ञ प्रतीक सिंह ने बताया कि इन जीआई उत्पादों को विश्व के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचाने में बेहद कारगर होगा. सरकार की यह सराहनीय पहल है. उन्होंने बताया कि 18 जीआई पंजीकृत उत्पादों से वाराणासी और आसपास के 11 जनपदों के लगभग 20 लाख लोग जुड़े हुए हैं. लगभग 25 हजार करोड़ रुपये का वार्षिक कारोबार होता है. इसलिए पूर्वांचल पूरी दुनिया में जीआई हब के रूप में भी जाना जाता रहा है. यह इससे जुड़े कारीगरों, व्यापारियों के लिए बेहतर संकेत है.



उद्योग विभाग के उपायुक्त वीरेंद्र सिंह ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केंद्र के द्वारा बनारस और पूर्वांचल के आसपास के जिलों में लगातार उद्योग को विकसित करने के लिए तमाम कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है. इसी क्रम में प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद यहां पर उद्योग विभाग की तरफ से लगभग जीआई के 30 उत्पादों के स्टॉल लगाए जाएंगे. इससे विश्वनाथ धाम में आने वाले श्रद्धालु बाबा के दर्शन के साथ-साथ इन उत्पादों को भी जान और देख सकेंगे.


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