वाराणसी :नौनिहाल देश का भविष्य होते हैं. और जब देश का भविष्य, वर्तमान में सड़कों पर भीख मांग रहा हो तो फिर क्या ही कहा जाए. वाराणसी के सुंदरपुर नेवादा की रहने वाली प्रतिभा सिंह ने इसी तस्वीर को बदलने की कोशिश की है. वह समाज के हाशिये पर पड़े बच्चों की तकदीर और भविष्य की तस्वीर बदलने की सोच रखती हैं.
करीब 7 साल पहले प्रतिभा ने संकट मोचन मंदिर के बाहर कुछ बच्चों को भीख मांगते देखा. उन्हें यह सब ठीक नहीं लगा. इसके बाद उन्होंने ठान लिया कि इस तस्वीर को बदल देना है. लेकिन यह सब इतना आसान भी नहीं था. विरोध में सबसे पहले घर वाले ही खड़े हो गए. पति का भी साथ नहीं मिल सका. लेकिन प्रतिभा ने हिम्मत नहीं हारी. वह ज़िद कर चुकी थीं, दुनिया बदलने की. उन्होंने अपने घर के आंगन को स्कूल में बदल दिया. अपनी अब तक की जमापूंजी को निकाल कर बच्चों पर खर्च करना शुरू कर दिया. बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, खाना-पीना, नहलाना-धोना सब कुछ शुरू हो गया. चुनौतियां थीं, लेकिन इरादे उससे बड़े थे. उनके इस काम में बीएचयू के दोस्तों और नजदीकियों ने सहयोग किया. इन बच्चों के सुधार में उनके मां-बाप ही बड़ी चुनौती थे. प्रतिभा ने उनका भी सामना किया. धीरे-धीरे प्रतिभा की मेहनत रंग लाने लगी. अब तक 118 बच्चों की जिंदगी में वो रंग भर चुकी हैं. सफलता मिलने के साथ ही अपनों का साथ भी मिलने लगा.