वाराणसी में सपा नेता शिवपाल यादव ने किया संबोधित वाराणसी :समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव इन दिनों वाराणसी दौरे पर हैं. शुक्रवार को वह किसान महापंचायत में शामिल हुए. इस दौरान वह सरकार व जिला प्रशासन पर जमकर बरसे. कहा कि जब तक प्रदेश सरकार किसानों को न्याय नहीं दे देती तब तक वह विधानसभा नहीं चलने देंगे. उन्होंने सरकार को किसान विरोधी बताया. मोहनसराय में हुए लाठीचार्ज को लोकतंत्र का काला दिन बताया.
बता दें कि, रोहनिया में किसानों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर पूरा विपक्ष लामबंद है. इसी के तहत शुक्रवार को वाराणसी के मोहनसराय में जबरन भूमि अधिग्रहण के विरोध में बैरवन मैदान में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया. इसमें सपा नेता शिवपाल सिंह यादव पहुंचे. इस दौरान उन्होंने किसानों की लड़ाई को सपा की लड़ाई बताया. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से सरकार व प्रशासन ने तानाशाही का परिचय देते हुए बुजुर्गों, महिलाओं पर लाठीचार्ज किया है, वह लोकतंत्र के काले दिन को बताता है. जिस अन्नदाता से पूरा देश चलता है, सरकार उस अन्नदाता के ऊपर लाठियां बरसा रही है. सरकार के इस बर्बरता भरे रवैये का जवाब विधानसभा में दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि किसानों की मांगों को लेकर समाजवादी पार्टी सड़कों पर उतरेगी और सरकार को भी किसानों की मांगों को मानना होगा.
नहीं चलने देंगे विधानसभा :सपा नेता ने कहा कि सदन में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव से बातचीत कर किसानों के मुद्दे को सदन में भी उठाया जाएगा. जब तक कार्रवाई नहीं होती तब तक सदन भी नहीं चलने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी सरकार से यह मांग करती है कि सरकार किसानों के सभी मुकदमे को वापस ले. इसके साथ ही मोहनसराय की जो कृषि योग्य भूमि को गैर कानूनी तरीके से ट्रांसपोर्ट नगर और आवासीय योजना के नाम पर भू माफियाओं को देने का प्रयास किया जा रहा है, उसे बंद किया जाए. किसानों को मारना और बुलडोजर से उन्हें दौड़ाया जाना सरासर गलत है, यह लोकतंत्र का हनन है.
16 मई को रोहनिया में हुआ था विवाद :बीते 16 मई को वीडीए और प्रशासन की टीम के जरिए ट्रांसपोर्ट नगर के लिए रोहनिया में निशानदेही का कार्य चल रहा था, उसी दौरान जब वीडीए की टीम ने किसानों को हटाना शुरू किया, तब किसान व पुलिस के बीच में जमकर विवाद हुआ. इस दौरान पुलिस ने जहां लाठीचार्ज किया, तो वहीं किसानों ने भी पथराव शुरू कर दिया. इसमें कई किसान गंभीर रूप से घायल हो गए. इसके बाद प्रशासन ने किसानों के खिलाफ केस दर्ज करते हुए 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. इन 11 में से 9 की जमानत मंजूर हो चुकी है, हालांकि अभी तक इनको रिहाई नहीं मिली है.
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