वाराणसी: रक्षाबंधन का त्योहार यूं तो कई सारी खुशियां और अपनापन समेटे हुए आता है, जहां एक तरफ भाई बहन का यह अटूट रिश्ता लोगों को प्यार से बांध देता है तो वहीं दूसरी तरफ रक्षाबंधन का यह त्यौहार भक्तों को ईश्वर से भी बनता है.
इस त्यौहार में सिर्फ अपनापन और प्यार ही नहीं बल्कि कई ऐसी संवेदनाएं छुपी हुई है जिससे बहुत लोग अभी भी रूबरू नहीं है. रक्षाबंधन के त्यौहार के पीछे कई तरह की पौराणिक कथाएं हैं.
- धर्म की नगरी काशी में अनेकों विद्वान ऐसे हैं जिनको हिंदू धर्म के त्योहारों के बारे में कई ऐसी बातें पता होंगी जो शायद किसी आम इंसान को ना पता हों.
- काशी के विद्वानों की बात की जाए तो यहां के ज्योतिषाचार्य रक्षाबंधन जैसे त्योहारों की कई ऐसी कहानियां बताते हैं जो सीधे भक्तों को ईश्वर से जोड़ती है.
- जब धर्म की नगरी काशी में रक्षाबंधन की बात होती है तो बात आती है भगवान विष्णु और उनकी पत्नी लक्ष्मी की इसके साथ ही दानवेन्द्र बलि की.
- बात तब की है जब देवी लक्ष्मी ने बाली को रक्षा सूत्र में बांधकर उनसे अपना मनचाहा वचन ले लिया था.