वाराणसी:लक्ष्मी कुंड स्थित मां लक्ष्मी के मंदिर में सुबह से ही महिलाएं आ जाती है. मां के दर्शन पाकर मिट्टी की मां लक्ष्मी की प्रतिमा को मां का दर्शन कराती है. लक्ष्मी कुंड पर कथा सुनती है. पूरी विधि-विधान से पूजन पाठ करती है. उसके बाद मां लक्ष्मी की आरती कर अपने अनुष्ठान की शुरुआत करती है.
वाराणसी: मां लक्ष्मी की आराधना के साथ शुरू हुआ सोरहिया का प्रचीन मेला - महालक्ष्मी की आराधना
उत्तर प्रदेश के धर्म की नगरी काशी में महालक्ष्मी की आराधना के निर्मित भाद्र शुक्ल अष्टमी से अश्विनी कृष्ण अष्टमी तक चलने वाला व्रत सोरहिया मेले का श्री गणेश हो गया. महिलाएं पुरुष लक्ष्मी कुंड स्थित महालक्ष्मी को साक्षी मानकर 16 गांठ का पीला धागा बाह पर बांधकर 16 दिनों तक व्रत का संकल्प लेते हैं.
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हम लोग सुबह मां लक्ष्मी का दर्शन मां छोटी लक्ष्मी का दर्शन मां काली का दर्शन सतनारायण भगवान का दर्शन के बाद मां की मिट्टी की प्रतिमा को लेकर घाट पर कथा सुना जाता है . पूरे विधि विधान से पूजा किया जाता है. उसके बाद मां लक्ष्मी की प्रतिमा को लेकर घर जा जाता है. वहां पर उनकी स्थापना की जाती है या क्रम प्रतिदिन 16 दिनों तक किया जाता है, जिससे मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
-पूजा पांडेय, श्रद्धालु