उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामला : पुराने वादी सोहनलाल आर्य ने इन पांच बिंदुओं पर किया मंदिर होने का दावा - tampering with the constitution

श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामले में कमीशन की कार्यवाही पूरी होने के बाद गुरुवार को इसकी रिपोर्ट कोर्ट में सबमिट कर दी गई है. सर्वे रिपोर्ट सबमिट होने के बाद इस मामले के सबसे पुराने व कमीशन की कार्यवाही में शामिल होने वाले सोहनलाल आर्य ने कई महत्वपूर्ण खुलासे किए हैं, रिपोर्ट पढ़िए...

By

Published : May 19, 2022, 9:33 PM IST

Updated : May 19, 2022, 10:00 PM IST

वाराणसी :ज्ञानवापी मामले में कमीशन की कार्यवाही पूरी होने के बाद गुरुवार को विशेष वकील कमिश्नर विशाल सिंह की तरफ से सिविल जज सीनियर डिवीजन के कोर्ट में 10:15 पर रिपोर्ट दाखिल की गई. रिपोर्ट दाखिल होने के बाद 2:00 बजे इस मामले की सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद कोर्ट ने 23 मई को इस पूरे रिपोर्ट पर आगे कार्यवाही करने के लिए कहा है.

अगली कार्यवाही से पूर्व एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें मंदिर के अंदर सनातन संस्कृति के बहुत से निशान मिलने की बात कही गई है. सर्वे रिपोर्ट में सनातन संस्कृति के निशान मिलने का दावा सामने आने के बाद ईटीवी भारत की टीम ने ज्ञानवापी मामले के सबसे पुराने वादी व मौजूदा दौर में वादी महिला लक्ष्मी सिंह के पति व पैरोकार सोहनलाल आर्य से बातचीत की. बातचीत के दौरान सोहनलाल आर्य ने कमीशन की कार्यवाही के दौरान आंखों देखा हाल बयां किया. उन्होंने ऐसे पांच बिंदुओं को की तरफ ध्यान आकर्षित किया.

जानकारी देते सोहनलाल आर्य

सोहनलाल आर्य ने इन पांच बिंदुओं पर किया दावा :

1- तहखाने में मौजूद सनातन संस्कृति के निशान : ज्ञानवापी मामले में सबसे पुराने वादी व कमीशन का कार्यवाही में शामिल होने वाले सोहनलाल आर्य ने बताया कि कमीशन की कार्यवाही के दौरान वह अंदर गए थे. इस दौरान उन्होंने देखा कि तहखाने से लेकर मस्जिद के ऊपरी हिस्से पश्चिमी, पूर्वी, उत्तरी और दक्षिणी में हर तरफ सिर्फ और सिर्फ सनातन संस्कृति के निशान निशान मौजूद हैं.

2- जहां शिवलिंग मिला है, उस स्थान के निचले हिस्से में नहीं है कोई नींव :सोहनलाल आर्य ने बताया कि शिवलिंग के नीचे एक बड़ा सा अरघानुमा हिस्सा मौजूद है. इस हिस्से का कोई बेस नहीं है, जो अपने आप में स्पष्ट करता है कि वही विश्वेश्वर का शिवलिंग है. उन्होंने बताया कि एक पुराने इतिहासकार की किताब में लिखा है कि वह शिवलिंग 100 फिट बड़ा है. इसकी ऊंचाई नीचे से देखने में भी स्पष्ट तौर पर पता चल रही थी.

3- नमाज की जगह पर खंभों में बनी है घंटियां :सोहनलाल आर्य का कहना है कि खंभों पर सनातन संस्कृति के तमाम निशान मौजूद थे. बिंदुवार यदि बात की जाए, तो सबसे पहला और बड़ा प्रमाण तो यही शिवलिंग है. इसके अलावा दूसरा प्रमाण जिस जगह पर मुस्लिम पक्ष के लोग नमाज अदा करते हैं. उस स्थान पर मौजूद 10 से 12 फीट के खंभों पर घंटियों की कतारें, कमल पुष्प तमाम ऐसी कलाकृतियां मौजूद हैं जो सनातन धर्म के मंदिरों में होती हैं.
4- तहखाने में मिला सफेद मार्बल का मगर :सोहनलाल आर्य ने बताया कि वजूखाने में शिवलिंग का मिलना और व्यास जी वाले तहखाने में एक ढाई फीट के सफेद मार्बल का मगर मिला है. यह बिंदुवार कुछ ऐसे तथ्य सामने आए हैं, जो स्पष्ट करते हैं कि वहां सनातन संस्कृति की निशानियां अब भी मौजूद हैं.

5- पश्चिमी हिस्से में मौजूद कलाकृतियां :श्रृंगार गौरी के पश्चिमी हिस्से में दीवार पर कई कलाकृतियों मिली हैं. जो स्पष्ट तौर पर मंदिर का हिस्सा हैं. सोहनलाल आर्य का कहना है कोई भी व्यक्ति यह देखकर कह सकता है कि यह सभी मंदिर का हिस्सा है.

इसे पढ़ें - ज्ञानवापी विवादः वादी महिलाएं बोलीं- अंदर जो भी जाएगा वह समझ जाएगा कि वास्तविकता क्या है?

Last Updated : May 19, 2022, 10:00 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details