उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

ऐसे करें देवी कात्यायनी की आराधना, इन मंत्रों का करें जाप

आज नवरात्रि का छठा दिन है. इस दिन माता कात्यायनी के दर्शन का विधान माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि यदि माता कात्यायनी का दर्शन पूजन नियमित रूप से किया जाए तो कुंवारी कन्याओं को मनचाहे फल की प्राप्ति तो होती है और जीवन सुखमय होता है.

etv bharat
नवरात्रि का छठवां दिन

By

Published : Apr 7, 2022, 9:02 AM IST

वाराणसी:जगदंबा के अलग-अलग स्वरूप पूजन और दर्शन के लिए नवरात्रि को जाना जाता है. नवरात्रि के 5 दिन बीत चुके हैं और 4 दिन शेष बचे हैं. आज नवरात्रि का छठा दिन है. इस दिन माता कात्यायनी के दर्शन का विधान माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि यदि माता कात्यायनी का दर्शन पूजन नियमित रूप से किया जाए तो कुंवारी कन्याओं को मनचाहे फल की प्राप्ति तो होती है और जीवन सुखमय होता है. इसके अतिरिक्त कोई व्यक्ति शत्रुओ के नाश के लिए माता का विशेष अनुष्ठान करवाएं तो उसे सफलता भी मिलती है.

पंडित पवन त्रिपाठी के मुताबिक देवी कात्यायनी का रूप तेज से भरा हुआ है. मां का रूप दिव्य अलौकिक और प्रकाशमान है. चार भुजाओं वाली माता के दाहिना हाथ ऊपर की तरफ है. नीचे वाला हाथ वर मुद्रा में है. जबकि, बाईं ओर ऊपर वाले हाथ में तलवार और नीचे वाले हाथ में कमल का फूल है. सिंह पर सवार मां कात्यायनी अपने भक्तों के सभी दुखों का नाश करती हैं.


ज्योतिषाचार्य पंडित पवन त्रिपाठी का कहना है कि देवी कात्यायनी की पूजा शत्रु का नाश करने के लिए सबसे उत्तम मानी जाती हैं, लेकिन इससे जुड़ी एक कथा भी है जो अविवाहित कन्याओं को मनचाहा वर पाने से जुड़ी हुई है. श्रीमद्भागवत में भी माता कात्यायनी का जिक्र है. जिसमें लाखों की संख्या में गोपियों ने एक कृष्ण को वर के रूप में पाने के लिए माता कात्यायनी की पूजा की थी और वह सफल भी हुई थी. इसलिए मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए माता कात्यायनी की पूजा करना विशेष फलदाई माना जाता है. इसके साथ ही माता कात्यायनी को रोग, भय, शोक नाश करने वाली देवी के रूप में भी जाना जाता है.

पंडित पवन त्रिपाठी का कहना है कि माता कात्यायनी की पूजा का विधान बहुत ही सरल है. अविवाहित कन्याएं माता को हल्दी का लेपन करें और शत्रु का नाश करने के लिए माता को लाल रंग के पुष्पों की माला और रोली लगानी चाहिए. नारियल की बर्फी के साथ नारियल की बलि भी बेहद पसंद है. इतना ही नहीं माता कात्यायनी को शहद बेहद पसंद है और उनको शहद चढ़ाने मात्र से ही सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.

इस मंत्र से करें माँ कात्यायनी की पूजा

चंद्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी च शुभदा देवी दानववद्यातिनि।।

अविवाहित कन्याएं इस मंत्र से करें आराधना
कात्यानी महामाये महायोगिन्यधीश्वरि।नन्दगोप सुतं देवी पतिम में कुर्ते नमः।।

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ABOUT THE AUTHOR

...view details