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काशी के कोतवाल का ये रूप देख आप भी हो जाएंगे धन्य, अन्नकूट संग रुद्राक्ष के दानों से सजा दरबार

धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में बाबा विश्वनाथ भक्तों के लिए सदैव मौजूद रहते हैं. लेकिन काशी में कोतवाल के बिना काशी यात्रा पूरी नहीं होती है.

काशी के कोतवाल
काशी के कोतवाल

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Published : Dec 18, 2021, 7:46 PM IST

वाराणसीः धर्म और अध्यात्म की नगरी में कोतवाल के बिना काशी यात्रा पूरी नहीं होती. काशी कोतवाल बाबा भैरव के यहां दूर-दूर से लोग दर्शन पूजन के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में जब बाबा काल भैरव का अद्भुत रूप देखने को मिले, तो फिर क्या कहने. कुछ ऐसा ही आज अलग और अद्भुत रूप बाबा काल भैरव का देखने को मिल रहा है, क्योंकि बाबा काल भैरव का आज भव्य अन्नकूट रुद्राक्ष में श्रृंगार संपन्न हुआ. पूरे मंदिर परिसर में रुद्राक्ष के दानों से इतनी सुंदर सजावट की गई, जो देखते ही बन रही है. इतना ही नहीं बाबा के आगे अलग-अलग तरह के व्यंजनों का भोग लगाकर अन्नकूट पर्व भी मनाया जा रहा है.

दरअसल काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव के मंदिर में अलग-अलग तिथि और महीने पर अलग-अलग श्रृंगार संपन्न होते हैं. कभी बाबा अर्धनारीश्वर के रूप में दिखाई देते हैं तो कभी रौद्र रूप में बाबा का श्रृंगार किया जाता है. आज तिथि और पर्व के अनुसार बाबा काल भैरव का रुद्राक्ष में अन्नकूट श्रृंगार संपन्न किया गया है.

अन्नकूट संग रुद्राक्ष के दानों से सजा दरबार
मंदिर के महंत सुनील दुबे ने बताया कि कई साल पुरानी इस परंपरा का निर्वहन आज भी किया जा रहा है. दिसंबर के महीने में हर साल बाबा का अन्नकूट का भव्य श्रृंगार रुद्राक्ष के दानों से सजावट के साथ संपन्न होता है. इस बार भी बाबा भैरवनाथ के गर्भ गृह के साथ ही मंदिर परिसर को बड़े ही भव्य तरीके से रुद्राक्ष के दानों से सजाया गया है. पूरे मंदिर परिसर में रुद्राक्ष के कई हजार दाने लगाए गए हैं. रुद्राक्ष की माला से सजा मंदिर परिसर एक अलग ही रूप में नजर आ रहा है.
काशी के कोतवाल

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बाबा का दर्शन करने के लिए दूर-दूर से भक्तों की भीड़ भी मंदिर में उमड़ रही है. शनिवार के दिन बाबा काल भैरव का यह श्रृंगार भक्तों के हर दुख दर्द को हरने वाला होता है. मंदिर के महंत के मुताबिक कई साल पहले इस सिंगार की शुरुआत मंदिर के पूर्व महंत और अन्य लोगों ने की थी. जिसका निर्वहन आज भी किया जा रहा है. इस दौरान बाबा को कच्चा पक्का भोजन मदिरा और अन्य बाबा की प्रिय चीजें भोग स्वरूप चढ़ाई जाती है.

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