वाराणसी:ज्ञानवापी मामले में एक बार फिर से आज सुनवाई शुरू होने जा रही है. 30 मई के बाद यह सुनवाई फिर से होगी. लेकिन, इसके पहले ही इस बार हिंदू पक्ष दो अलग-अलग गुट में बट गया है. पहले विश्व वैदिक सनातन संघ के साथ एडवोकेट हरिशंकर जैन और उनके बेटे विष्णु जैन लीगल काम देख रहे थे. लेकिन, इस बार विश्व वैदिक सनातन संघ ने इन दोनों वकीलों के साथ ही अन्य वकीलों के वकालतनामा को अपने मुकदमे से निरस्त कर दिया है. वहीं, विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन वीडियो लीक होने के मामले में इन सभी को दोषी मानकर एक के बाद एक आरोप लगा रहे हैं.
ज्ञानवापी परिसर से जुड़े श्रृंगार गौरी प्रकरण सहित पांच मुकदमों की पैरोकारी कर रहे विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन ने अपने पुराने अधिवक्ताओं से दूरी बना ली है. जितेंद्र सिंह विसेन ने कहा कि हरिशंकर जैन का वकालतनामा राखी सिंह वाले मुकदमे में था. उनसे ही मुकदमा भी लिखवाया था. लेकिन, बीती 26 मई से पहले वह कभी कोर्ट में आए ही नहीं. कोर्ट में केस एडमिट कराने से लेकर तमाम जो भी ऑर्डर हुए, उनमें उनकी कोई भूमिका नहीं थी. अब कोई काम ही नहीं करेगा और मामला हाईलाइट होने के बाद सिर्फ क्रेडिट लेना चाहेगा तो उसका क्या किया जा सकता है. रही बात उनके बेटे एडवोकेट विष्णु जैन की तो उनका वकालतनामा किसी मुकदमे में नहीं था और न उनका कोई योगदान है. महज क्रेडिट लेने के लिए पिता-पुत्र की जोड़ी के तौर पर खुद को प्रस्तुत करके उन्हें पता नहीं क्या संदेश देना था.
जितेंद्र सिंह विसेन ने बताया कि सोमवार को वह एडवोकेट हरिशंकर जैन, मदन मोहन यादव, सुधीर त्रिपाठी और सुभाष चतुर्वेदी का वकालतनामा निरस्त करने के लिए कोर्ट में अर्जी देंगे. अब ज्ञानवापी प्रकरण से जुड़े उनके सभी 5 मुकदमों को अदालत में एडवोकेट मान बहादुर सिंह, अनुपम द्विवेदी और शिवम गौड़ देखेंगे. तीनों अधिवक्ता उनके मुकदमों को अच्छे से देखेंगे इस बात का उन्हें पूरा विश्वास है.