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ज्ञानवापी मामले में पोषणीयता को लेकर मुस्लिम पक्ष ने रखी अपनी बात, अब 12 जुलाई को कोर्ट आगे बढ़ाएगा कार्यवाही

श्रृंगार गौरी ज्ञानवापी मामले की सुनवाई जिला जज की कोर्ट में सोमवार को हुई. जिला जज एके विश्वेश की अदालत में 7/11 को लेकर पोषणीयता अगली सुनवाई के लिए 12 जुलाई तय निर्धारित की है.

श्रृंगार गौरी ज्ञानवापी मामले में सुनवाई शुरू
श्रृंगार गौरी ज्ञानवापी मामले में सुनवाई शुरू

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Published : Jul 4, 2022, 6:54 AM IST

Updated : Jul 4, 2022, 4:27 PM IST

वाराणसी:ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले को लेकर 30 मई के बाद सोमवार को एक बार फिर से जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुनवाई शुरू हुई है. राखी सिंह समेत चार अन्य वादी महिलाओं की तरफ से दायर की गई याचिका पर सुनवाई को कोर्ट आज आगे बढ़ाते हुए मुस्लिम पक्ष की तरफ से पूजा के अधिकार कानून के तहत मामले की पोषणीयता लेकर सुनवाई कर रहा है. लगातार तीन बार से मुस्लिम पक्ष अपनी दलील पेश करते हुए हिंदू पक्ष की तरफ से दायर किए गए प्रार्थना पत्र में कुल 51 बिंदुओं पर एक-एक करके अपनी बातें रख रहा था. सोमवार को इन बिंदुओं पर बहस पूरी कर ली गई है. अब कोर्ट ने 12 जुलाई को अगली सुनवाई की तिथि मुकर्रर की है.

मुस्लिम पक्ष के वकील रईस अंसारी में बताया कि मुकदमे की पोषणीयता को लेकर हिंदू पक्ष की महिलाओं की तरफ से दाखिल किए गए कुल 51 बिंदु के प्रार्थना पत्र के एक-एक बिंदु पर बहस पूरी की गई है. अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी की तरफ से वकीलों ने अलग-अलग बिंदुओं पर अपनी बातें रखी है. मुस्लिम पक्षकार के वकील अभय नाथ यादव ने कोर्ट में बहस करते हुए यह सवाल उठाया है कि हिंदू पक्ष की तरफ से दायर किए गए प्रार्थना पत्र में यह खुद लिखा गया है, किस स्थान पर मुस्लिम पक्ष की मस्जिद है. अवैध ही सही लेकिन कहीं भी इस मस्जिद को हटाने या अन्य किसी तरह की कार्यवाही की बात नहीं लिखी गई है. वह अपने प्रार्थना पत्र में खुद उस स्थान को मस्जिद बता रहे हैं, जो यह साफ करता है कि 1991 के एक्ट के मुताबिक वह स्थान पूजा स्थल कानून के तहत मस्जिद है. इसी को आधार बनाकर अब हम 12 जुलाई को अपनी बहस को आगे बढ़ाएंगे.

मुस्लिम पक्ष का कहना है कि अब 12 जुलाई को कानून के अन्य पक्ष को लेकर बहस आगे की जाएगी. वहीं, इस मामले में हिंदू पक्ष का विष्णु शंकर जैन का कहना है कि प्रकरण 12 जुलाई को भी मुस्लिम पक्षकारों को अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा. उनकी बातें पूर्ण होने के बाद फिर हिंदू पक्ष अपनी बातें रखेगा और फिर हमारी बहस पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई होगी. कानूनी जानकारों का कहना है कि 12 जुलाई को मुस्लिम प्रकारों की तरफ से अपनी बातें रखने के बाद हिंदू पक्ष अपनी बात रखकर इन का काउंटर करेंगे. फिर इनकी बातों को सुनकर मुस्लिम पक्ष अपना काउंटर दाखिल कर सकते हैं. अब इस मामले में यह प्रक्रिया लंबे वक्त तक चलेगी.

धरहरा मस्जिद की याचिका पर 20 अगस्त को होगी सुनवाई
वहीं, धरहरा मस्जिद को लेकर भी सुनवाई हुई. इस मामले में राकेश पांडेय, राजा आनंद ज्योति सिंह, शशिकांत यादव, हरिकेश गुप्त और श्रीपति मिश्र अधिवक्ता हैं. इसमें सुनवाई की अगली डेट 20 अगस्त नियत कर दी गई है. वादी पक्ष का कहना है कि वह मस्जिद नहीं बिंदु माधव मंदिर है. मुगल आक्रांता औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ मंदिर के बाद बिंदु माधव का मंदिर भी ढहा दिया था. वहां नमाज पढ़ने का काम तत्काल प्रभाव से रोका जाए और वहां से अवैध कब्जा हटाया जाए. इस मामले में डीएम को पक्षकार बनाने के लिए अर्जी दी गई थी. वादी पक्ष के आवेदन पत्र पर सिविल जज जूनियर डिवीजन की अदालत ने डीएम को नोटिस जारी किया है.

जानकारी देते हिंदू पक्ष के वकील सुभाष नन्दन चतुर्वेदी.
गौरतलब है कि इस प्रकरण में मामला दाखिल करने वाली राखी सिंह और जितेंद्र सिंह विशेष के पूरे लीगल मामले देख रहे वकील हरि शंकर जैन और विष्णु जैन को इस मामले से जितेन सिंह बिसेन ने बाहर कर दिया है. इसके अलावा ज्ञानवापी से संबंधित जिला न्यायालय में विचाराधीन विश्व वैदिक सनातन संघ के सभी मुकदमों (राखी सिंह बनाम राज्य सरकार एवं अन्य मामले) में से पुराने वकालतनामे निरस्त किए जाएंगे. अब इन सभी मुकदमों को अधिवक्ता मान बहादुर सिंह, अधिवक्ता अनुपम द्विवेदी एवं अधिवक्ता शिवम गौड़ को मामले में लीगल कार्रवाई आगे बढ़ाने से संबंधित जानकारी दी है.

दरअसल, श्रृंगार गौरी में नियमित दर्शन करने को लेकर दायर की गई 2021 की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीनियर जज सिविल डिवीजन रवि कुमार दिवाकर ने 8 अप्रैल को इस मामले में वकील कमिश्नर नियुक्त करते हुए मामले की कमीशन कार्यवाही का आदेश दिया था. चार दिनों तक ज्ञानवापी का वीडियो सर्वेक्षण करने के बाद कमीशन ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट में सबमिट की थी. इसके बाद एक नया विवाद शुरू हो गया था. ज्ञानवापी मस्जिद की देख-रेख करने वाली अंजुमन इनतजामिया मस्जिद कमेटी की तरफ से मामले को सुनवाई योग्य न मानते हुए कोर्ट में याचिका दायर की गई. इस पर कोर्ट 7/11 के तहत मुस्लिम पक्ष को अभी सुन रहा है, इसी पर सोमवार को सुनवाई आगे बढ़ेगी.

इस मामले में बीती 30 मई को न्यायालय की तरफ से ग्रीष्मकालीन अवकाश की वजह से 4 जुलाई को पुनः 7/11 के तहत सुनवाई को आगे बढ़ाने के आदेश दिए गए थे. 30 मई को सुनवाई के दौरान वादी पक्ष की ओर से दाखिल वाद के 52 बिदुओं में से मस्जिद पक्ष के वकील अभयनाथ यादव 36 बिदुओं तक ही अपनी बात रख सके थे. इसके बाद अदालत ने मुकदमे की सुनवाई की अगली तारीख चार जुलाई तय कर दी थी. दरअसल इसके पहले इस प्रकरण की सुनवाई सीनियर जज सिविल डिवीजन रवि कुमार दिवाकर के न्यायालय में चल रही थी. लेकिन, इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई मुस्लिम पक्ष की याचिका पर कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 20 मई को सीनियर जज की अदालत में सुनवाई को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया था.

पूरा मामला जिला जज अजय कुमार विश्वेश की अदालत में ट्रांसफर हो गया था और 23 मई से जिला जज की अदालत में इस प्रकरण की सुनवाई जारी है. नागरिक प्रक्रिया संहिता के आदेश 7/11 के तहत मुकदमा सुनने योग्य है या नहीं इस पर पहले सुनवाई हो रही है. सुप्रीम कोर्ट ने वादी पक्ष के मुकदमे की योग्यता पर सवाल उठाने वाली प्रतिवादी पक्ष की दाखिल अर्जी पर प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई करने का जिला जज को आदेश दिया है.

प्रकरण में 18 अगस्त 2021 को नई दिल्ली की रहने वाली राखी सिंह एवं बनारस की चार महिलाओं लक्ष्मी देवी, रेखा पाठक, मंजू व्यास और सीता साहू ने ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी की प्रतिदिन पूजा-अर्चना करने एवं परिसर स्थित अन्य देवी-देवताओं के विग्रहों को सुरक्षित रखने की मांग करते हुए सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में मुकदमा दायर किया था. वादी पक्ष की अपील पर सुनवाई करते हुए अदालत ने मौके की वस्तुस्थिति जानने के लिए वकील कमिश्नर नियुक्त करने का आदेश जारी कर दिया था.

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इस आदेश के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की ओर से दायर याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था. हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ प्रतिवादी पक्ष के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की और पूजा स्थल अधिनियम 1991 के उपबंधों का हवाला देते हुए ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पूजा-अर्चना का अधिकार मांगने वाली महिलाओं की याचिका पर सवाल उठाया. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि धार्मिक स्थल के स्वरूप का पता लगाना कानून में प्रतिबंधित नहीं है. पूजा स्थल (विशेष प्रविधान) कानून 1991 किसी धार्मिक स्थल के धार्मिक स्वरूप को पता लगाने पर रोक नहीं लगाता.

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वैदिक सनातन संघ की अंतरराष्ट्रीय महामंत्री किरण सिंह की ओर से ज्ञानवापी में दैनिक पूजन-अर्चन की अनुमति को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई के लिए सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आठ जुलाई की तिथि तय की है. इस मुकदमे में प्रतिवादी पक्ष ने मुकदमे की नकल की मांग की है. वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, चर्चित सांसद असदुद्दीन ओवैसी और अन्य के दिए गए बयान से हिंदू समाज की भावना आहत होने को लेकर अदालत में लंबित प्रार्थना पत्र पर सुनवाई पांच जुलाई को होगी.

वादी महिलाओं और वकील विष्णु शंकर जैन ने किए बाबा विश्वनाथ के दर्शन
ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में सुनवाई शुरू होने से पहले हिंदू पक्ष की तरफ से वादी महिलाओं के साथ वकील विष्णु शंकर जैन ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए. इस दौरान वादी महिलाओं में रेखा पाठक, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और सीता साहू मौजूद थीं. दर्शन कर बाहर निकलने पर वकील विष्णु शंकर जैन और महिलाओं का कहना था कि आज से सुनवाई शुरू हो रही है. उन्होंने कहा कि वे लोग बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद लेकर सुनवाई में शामिल होने के लिए पहुंचेंगे. उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष के बाद हिंदू पक्ष इस मामले में अपनी बहस आगे बढ़ाएगा. फिलहाल, आज से सुनवाई शुरू होने के बाद सबकी निगाहें इसी मामले पर हैं.

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Last Updated : Jul 4, 2022, 4:27 PM IST

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