वाराणसी: 2019 के चुनाव के दृष्टिकोण से देखा जाए तो वाराणसी का चुनाव बेहद ही खास माना जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रोड शो के बाद वर्तमान परिस्थितियों में देखा जाए तो पर्चा दाखिल करने के लिए 100 से ज्यादा लोगों ने अपने आप को उम्मीदवारी के पद पर रखा, मगर प्रशासन ने महज 31 लोगों को ही योग्य बताया.
धरने पर बैठे श्री अविमुक्तेश्वरानंद इसी बीच शंकराचार्य के शिष्य श्री अविमुक्तेश्वरानंद जो विद्या मठ से श्री भगवान को भी प्रत्याशी के रूप में पर्चा दाखिल करवाए थे, उनका भी पर्चा निरस्त होने के बाद अब आर-पार के मूड में दिखाई दे रहे हैं. लगभग 20 घंटों से कचहरी परिसर में डेरा जमाए अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि यह साजिश के तहत किया गया है. जब तक प्रधानमंत्री का पर्चा खारिज नहीं होगा, तब तक वह पीछे हटने वाले नहीं.
दरअसल, वाराणसी वैसे भी भारत का सबसे हॉट लोकसभा सीट माना जा रहा है और सारे राष्ट्रीय दल और क्षेत्रीय दल भी वाराणसी में जोर लगाए हुए हैं. यही नहीं, मायावती और अखिलेश के गठबंधन ने भी बेहद खास असर डालने के लिए वाराणसी की ओर रुख किया है. इसी बीच 100 से ज्यादा लोगों ने पर्चा भी भरा. वहीं जिन लोगों का पर्चा खारिज हुआ, वह बेहद ही नाराज हैं और वर्तमान सरकार की तरफ से साजिश करने की बात कह रहे हैं. अविमुक्तेश्वरानंद ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
क्या कहना है अविमुक्तेश्वरानंद का
- जिस तरीके से भारतीय जनता पार्टी अपने आप को हिंदुओं की पार्टी कहती है, वह निराधार है.
- अगर वह हिंदू होते तो विश्वनाथ कॉरिडोर में जितने मंदिर तोड़े गए हैं, वह नहीं टूट पाते.
- अब हमारा जो प्रत्याशी था, उसका पर्चा खारिज किया गया लेकिन कोई भी तथ्य पूर्ण बात नहीं कही गई.
- जब कार्यालय ही 11:00 बजे खुलेगा तो हमारा प्रत्याशी पर्चा दाखिल कैसे करेगा?