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Pitru Paksha 2023: काशी में 15 हजार अजन्मी बेटियों का श्राद्ध

पितृ पक्ष ( Pitru Paksha 2023) पर काशी में 15 हजार अजन्मी बेटियों (Unborn Daughters) का श्राद्ध (Shraddha) किया गया. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 9, 2023, 7:24 AM IST

काशी में अजन्मी बेटियों का श्राद्ध किया गया.

वाराणसीः दशाश्वमेध घाट पर पितृ पक्ष ( Pitru Paksha 2023) की मातृ नवमी पर सामाजिक संस्था आगमन की ओर से कोख में मारी गई बेटियों (Unborn Daughters) का श्राद्ध (Shraddha) किया गया. ‘अंतिम प्रणाम का दिव्य अनुष्ठान’ दशाश्वमेध घाट पर कर्मकांडी ब्राह्मण श्रीनाथ पाठक ‘रानी गुरु’ के सानिध्य में पं. दिनेश दुबे के आचार्यत्व में हुआ. अनुष्ठान में 15 हजार अजन्मी बेटियों का श्राद्ध मानस पिता के रूप में डॉ. संतोष ओझा ने किया.

श्राद्ध की दृष्टि से उत्तम काल मध्याह्न में त्रिपिंडी श्राद्ध के विधान आरंभ हुए. श्राद्ध में प्रत्येक अजन्मी बेटी के निमित्त जौ, चावल और खोवा का पिंड बना कर उसका दान किया गया. आगमन संस्था द्वारा अजन्मी बेटियों के श्राद्ध का यह दसवां वर्ष है. इससे पूर्व के नौ वर्षों में 67 हजार अजन्मी बेटियों के लिए सविधिक मोक्ष अनुष्ठान कराया गया.

दसवें वर्ष 15 हजार अजन्मी बेटियों का श्राद्ध कराया जाना है. इस वर्ष के अनुष्ठान के बाद 10 वर्ष में कुल 82 हजार अजन्मी बेटियों के श्राद्ध का कर्मकांड पूरा हो चुका है. डॉ. संतोष ओझा ने बताया कि सन 2001 का वह दौर था जब हम आगमन टीम के साथ एड्स महामारी पर जन जागरण अभियान चलाया करते थे. उस दरमियान एक दिन हमारी मुलाकात एक ऐसे शख्स से हुई जिसने बेटे के चाह में कन्या भ्रूण की हत्या पत्नी के गर्भ में ही करा दी. उसके लिए वह सामान्य घटना था लेकिन इस घटना ने ही हमें बेटियों के जन्म से जुडी बातों के लिए जनजागरण करने की प्रेरणा दी.

अगले एक दशक से अधिक समय तक कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए आगमन संस्था की ओर से जनजागरण अभियान चलाए जाते रहे. इसके अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. वर्ष 2013 में पुनः एक घटना से मारी गयी बेटियों के मोक्ष दिलाने का प्रेणना मिली. विचार आया कि जब पेट में पल रही बेटियों को बचाने में सफल नहीं हो पाया तो कम से कम उनके मोक्ष की तो कामना कर ही सकता हूं. यहीं से बेटियों के मोक्ष के लिए ‘अंतिम प्रणाम का दिव्य अनुष्ठान’ कार्यक्रम की शुरुआत हुई. काशी के विद्वान इस अनुष्ठान को लेकर एकमत नहीं थे. हमारे परिजन भी अनहोनी, अशुभता या बाधा क़ो लेकर चिंतित थे लिहाजा श्रेष्ठ विद्वानों से मिलकर शास्त्र सम्मत बातों की जानकारी की और जैसे-तैसे परिजनों की नाराजगी और रजामंदी के बाद अनुष्ठान क़ो काशी के दशाश्वमेध घाट पर प्रारंभ किया गया.

आगमन संस्था के संस्थापक डॉ संतोष ओझा ने बताया कि आज मातृ नवमी है. आज के दिन हमने उन 15000 बेटियों का श्राद्ध कर्म किया जिनके मां-बाप ने भ्रूण में ही सिंपल ऑपरेशन कर दिया लेकिन यह ऑपरेशन नहीं एक हत्या है और हत्या के बाद जीव परिवार को ही कष्ट देता है, हमारा यह मानना है, वह 15000 बेटियां जिन्हें उनके परिवार ने जन्म लेने से पहले ही मार दिया उनके मोक्ष के लिए यह कार्यक्रम किया जाता है. हमारा एक ही लक्ष्य है बेटियों को ना मारा जाए.

इस आयोजन में राहुल गुप्ता, शिव कुमार, जादूगर किरण, जितेंद्र, आलोक पांडेय, अरुण ओझा, हरिकृष्ण प्रेमी, राजकृष्ण गुप्ता, गोपाल शर्मा, साधना, आयुष टिंकू, हिमांशु गुप्ता, तुषार चौरसिया, शिवम गुप्ता, हिमांशु श्रीवास्तव व संजय गुप्ता आदि मौजूद थे.

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