वाराणसी: एक बार फिर से कोविड-19 का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. उत्तर प्रदेश के लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज समेत अन्य कई जिलों में संक्रमण का बढ़ रहा दायरा लोगों की परेशानियों को तो बढ़ा ही रहा है, साथ ही जांच केंद्रों पर भी जबरदस्त भीड़ उमड़ रही है. सबसे बुरे हालात तो सरकारी जांच केंद्रों के हैं, क्योंकि यहां पर क्षमता से अधिक लोग जांच के लिए पहुंच रहे हैं. इन केन्द्रों पर कर्मचारियों की कमी की वजह से समय पर जांच पूरी नहीं हो पा रही है. हालात यह हैं कि कोविड-19 सेंटर पर जांच के लिए पहुंचने वाले लोगों को परेशानी हो रही है और विभाग अभी कर्मचारियों की कमी को दूर करने का सिर्फ प्लान ही बना रहा है.
इन जगहों पर हो रही जांच
वाराणसी में सरकारी कोविड केंद्रों की स्थिति बेहद खराब है. यहां कोविड-19 जांच के लिए 8 स्थानों पर स्टेटिक बूथ बनाए गए हैं. लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट, कैंट रेलवे स्टेशन, कैंट रोडवेज बस स्टैंड, कबीर चौरा अस्पताल, विवेकानंद अस्पताल भेलूपुर शामिल हैं. इसके अलावा RTPCR की जांच के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल और शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल, कबीरचौरा समेत भेलूपुर में बनाए गए सरकारी अस्पताल में भी जांच शुरू कर दी गई है. हालांकि इन केंद्रों पर जांच के लिए पहुंचने वाले लोगों को काफी इंतजार करना पड़ रहा है. इसकी बड़ी वजह यह है कि जब कोविड का संक्रमण काल चल रहा था तब आउटसोर्सिंग पर लगभग 42 कर्मचारियों को स्वास्थ्य विभाग ने रखा था लेकिन, कोविड-19 के संक्रमण कम होने के बाद इन सभी को हटा दिया गया. अब वर्तमान में 16 आउटसोर्सिंग के कर्मचारी और लगभग 80 स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को यह जिम्मेदारी दी गई है, जो बढ़ रहे मामलों के लिए हो रही जांच में ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है.