वाराणसी: चीन की नापाक हरकतों का जवाब दे रहे गलवान घाटी में तैनात हमारे सैनिक भाइयों के जीवन की रक्षा के लिए हर कोई दिन-रात प्रार्थना कर रहा है. इस बार रक्षाबंधन के मौके पर बनारस की शिल्पी बहनों ने वहां तैनात सैनिक भाइयों की कलाइयों पर राखी बांधने के लिए विशेष तौर पर राखियों की तैयारी की है.
जीआई क्राफ्ट की राखी गलवान घाटी में तैनात जवानों के लिए भेजी गई है यह राखियां जीआई टैग पा चुके लकड़ी के खिलौना बनाने वाले कारीगरों ने बनाई हैं. महिला कारीगरों के हाथ की तैयार लकड़ी की यह राखियां सोमवार को गलवान घाटी के लिए भेज दी गई हैं. काशी से जीआई क्राफ्ट की राखी गलवान घाटी में तैनात वीर सपूतों और पीएम मोदी को शिल्पकार बहनों ने भेजा है. इस राखी का पैकेट शिल्पी बहनों ने पीएम के संसदीय कार्यालय के माध्यम से भेजा है.
जीआई विशेषज्ञ डॉ. रजनीकांत ने बताया इस कोविड के संक्रमण में आत्मनिर्भर भारत के घोषणा के बाद ही इसकी पृष्ठभूमि बनानी शुरू कर दी गई थी. लगभग 15 दिन पहले इस जीआई राखी की पहली खेप नेशनल मेरिट अवॉर्डी रामेश्वर सिंह के द्वारा व्यापार के लिए नई दिल्ली भेज दिया गया था. तत्काल डिमांड आने के बाद इसे और तेजी से तैयार किया गया.
इस राखी का पैकेट शिल्पी बहनों ने पीएम के संसदीय कार्यालय के माध्यम से भेजा है वाराणसी संसदीय कार्यालय में महिला शिल्पियों ने प्रधानमंत्री जी को एक आग्रह पत्र भेजते हुए इन राखियों को उनको स्वीकार करने और गलवान घाटी में तैनात भारत माता के वीर सपूतों को भेजने का आग्रह किया है. प्रधानमंत्री को संबोधित राखी को सोमवार को वाराणसी संसदीय कार्यालय में महिला शिल्पियों ने सौंपा है.