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पक्षियों को दाना खिलाया शिखर धवन ने, भारी पड़ा नाविक को

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में भारतीय बल्लेबाज शिखर धवन के पक्षियों को दाना खिलाए जाने पर दशाश्वमेध पुलिस ने नाविक पर कार्रवाई की है. पुलिस का कहना है कि शिखर धवन मेहमान के रूप में बनारस आए थे और उनको इस बारे में जानकारी नहीं थी. टूरिस्ट के तौर पर उनको लेकर जाने वाले नाविकों की जिम्मेदारी थी कि उनको प्रशासन के निर्देशों से अवगत कराए.

shikhar dhawan fed grain to birds in varanas
शिखर धवन.

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Published : Jan 24, 2021, 10:16 PM IST

वाराणसी :दो दिन पहले वाराणसी में मौजूद भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज शिखर धवन की तरफ से गंगा में सैर करते हुए प्रवासी पक्षियों को दाना खिलाने के मामले में प्रशासन ने उस नाविक के खिलाफ कार्रवाई की है, जो शिखर धवन को नाव पर लेकर गंगा की सैर कराने गया था. पुलिस ने धारा 188 के तहत उसका चालान करते हुए 3 दिन तक उसकी नाव को गंगा में चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है.

क्या है पूरा मामला

दरअसल, क्रिकेटर शिखर धवन पिछले दिनों वाराणसी धार्मिक यात्रा पर आए थे. यहां पर उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर व काल भैरव मंदिर में दर्शन पूजन के साथ ही गंगा आरती में भी शिरकत की थी. इसके बाद वह दूसरे दिन सुबह बनारस में नौका विहार के लिए निकले थे. यहां पर घाटों की सुंदरता और मौजूद प्रवासी पक्षियों को देखकर उन्होंने पक्षियों को दाना खिलाया था, लेकिन बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए कुछ दिन पहले प्रशासन ने पक्षियों को दाना खिलाने पर रोक लगाई थी और इस प्रकरण के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासन ने इसे संज्ञान में लेते हुए रविवार की शाम शिखर धवन को लेकर जाने वाले नाविक प्रदीप साहनी और सोनू का धारा 188 में चालान करने के साथ ही उनकी नौका को 3 दिनों तक गंगा में न चलाए जाने का आदेश दिया है.

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पूरा दिन बना रहा चर्चा का विषय

शिखर धवन के पक्षियों को दाना खिलाए जाने को लेकर खबरों के मीडिया में आने के बाद यह मामला पूरा दिन चर्चा का विषय बना रहा और जिला प्रशासन के खुद संज्ञान में प्रकरण को लिए जाने के बाद दशाश्वमेध पुलिस को इस प्रकरण में कार्रवाई का निर्देश दिया गया था. इस प्रकरण में पुलिस का कहना है कि शिखर धवन मेहमान के रूप में बनारस आए थे और उनको इस बारे में जानकारी नहीं थी. टूरिस्ट के तौर पर उनको लेकर जाने वाले नाविकों की जिम्मेदारी थी कि उनको प्रशासन के निर्देशों से अवगत कराए, लेकिन उन्होंने लापरवाही की, जिसकी वजह से एक्शन नाविकों के खिलाफ हुआ है.

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