वाराणसी: आपने सुना होगा या देखा होगा कि आज की युवा पीढ़ी लाखों के सैलरी पैकेज को छोड़कर समाज को बदलने में लग गई हो. अगर नहीं तो मिलिए शिखा शाह से, बनारस की रहने वाली शिखा ने घर में बिखरे कबाड़ को इकट्ठा करके उससे घर को सजाने का सामान बनाना शुरू कर दिया. इसके जरिए शिखा आज लाखों रुपए कमा रही हैं.
जानिए कैसे हुई स्क्रैपशाला की शुरुआत
बनारस की रहने वाली शिखा ने स्कूलिंग तो वाराणसी से ही की लेकिन हायर एजुकेशन के लिए दिल्ली गई जहां से उन्होंने एनवायरमेंटल साइंस से पोस्ट ग्रेजुएशन किया. इस कोर्स के बाद उन्हें रिलायंस फाउंडेशन में नौकरी मिली लेकिन शिखा के अंदर हमेशा से ही समाज के लिए कुछ करने की चाहत थी, इसी दौरान उन्हें बनारस आने का मौका मिला. जब वह अपने शहर वापस आयी तो उन्हें लगा कि शहर को स्वच्छ करना भी आम लोगों की ही जिम्मेदारी है लेकिन उसके साथ व्यवसाय या नौकरी करना जरूरी है. तब उन्होंने घर में बिखरे कबाड़ को स्क्रैपशाला की शुरुआत के लिए इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. घर में पड़े सामाम को शिखा ने री डिजाइन किया और उसे अपने दोस्तों और परिवार में देना शुरू किया.