वाराणसीः धर्म और अध्यात्म नगरी काशी में सोमवार को अस्सी क्षेत्र स्थित डुमराव बाग कॉलोनी के सुमेरु पीठ में शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में दंडी स्वामी, महंत, पीठाधीश्वर धर्म आचार्यों ने बैठक की. यहां पर मणिपुर घटना को लेकर शांति पाठ किया गया. इस मौके पर ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे को लेकर शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा है कि सांच को आंच नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर की जांच की जाए और उसे पाकिस्तान भेज दिया जाए.
शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि पुरुषोत्तम मास चल रहा है. आदि शंकराचार्य महासमस्थानम शिव महापुराण की कथा और श्रीमद्भागवत की महा कथा 26 दिनों से चल रही है. उन्होंने कहा कि मणिपुर जो हमारे आस्था का केंद्र है वहां चल रही अशांति की शांत होने की हम कामना करते हैं. प्रार्थना है कि वहां अमन और चैन फिर से कायम हो.
उन्होंने कहा कि इसके पीछे पड़ोसी देश का षडयंत्र हो सकता है. पिछले तीन महीनों से वहां स्थिति ठीक नहीं है. इसकी जांच होनी चाहिए और वहां शांति स्थापित होनी है. साथी ही सीमा पर चौकसी बढ़ाई जानी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि सीमा हैदर जासूस है. पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर की जांच कर उसे तुरंत पाकिस्तान भेज देना चाहिए. उसका भारत में कोई काम नहीं है.
नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि ज्ञानवापी का एएसआई सर्वे हो जाएगा तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. ज्ञानवापी का हमारे शिवपुरण और अन्य पुराणों में उल्लेख आता है. दंड पाड़ी का अन्नपूर्णा व भैरव पुराणों में भी इसका उल्लेख देखने को मिलता है वहां पर आदि विशेश्वर शिवलिंग प्रमाणित हो चुका है. वहां श्रृंगार गौरी हैं, त्रिशूल है, डमरु है और कमल का फूल है. इसे 300 वर्ष पूर्व विधर्मियों ने तोड़ा था. अब उसका हिसाब चुकता करने का समय आ गया है. सांच को कोई आंच नहीं है. अगर यहां जांच हो गई तो यह स्थान हिंदुओं का स्थान साबित हो जाएगा.
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