वाराणसीः'तू बन जा गली बनारस की, मैं शाम तलक भटकूं तुझमें...' इस गाने के बोल आपकी जुबां पर आते ही बनारस की खूबसूरत गलियां आपके जहन में घूमने लगती हैं. फिर चाहे वह गंगा घाट हो या यहां की चाट हो. सारी तस्वीरें आपकी आंखों के सामने उभर आती हैं. लेकिन आपने कभी यह जानने की कोशिश की कि चंद पंक्तियों के इस रोमांटिक गाने में पूरे बनारस की खूबसूरती बताने वाला वह लेखक कौन है. हम आपको बताते हैं कि शकील आजमी ने फिल्म निदेशक रत्ना सिन्हा के पति अनुभव सिन्हा के कहने पर लिखा.
गाने में चाट और घाट का जिक्र
ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में मशहूर लेखक और शायर शकील आजमी ने कहा कि जब रत्ना सिन्हा फिल्म "शादी में जरूर आना" बना रहीं थीं तो उन्होंने और उनके पति ने बताया कि वह अपनी फिल्म में बनारस को दर्शाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि यह गाना पहले डायलॉग, 'तुम कभी बनारस गई हो, मैं तुम्हारी आंखों में बनारस देखता हूं', से शुरू होने वाला था. बाद में इस डायलॉग को हटा लिया गया. उन्होंने कहा कि मैंने गाने में बनारस की चाट और गंगा घाट का जिक्र किया है.