वाराणसीः कोरोना काल में दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही सेक्स वर्कर्स की जिंदगी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सिंतबर में सरकार को उनके जीविकोपार्जन के लिए जरूरत के सामानों को पहुंचाने का आदेश दिया था. 4 हफ्ते बीत जाने के बाद भी अब तक प्रदेश सरकार सेक्स वर्कर्स को न ही चयनित कर पाई है न ही कोई मदद पहुंचाई गई है. वहीं इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा है कि आखिर अब तक सेक्स वर्कर्स को मदद क्यों नहीं पहुंची?
सरकार के द्वारा अब तक कोरोना काल में कितनी सहायता सेक्स वर्कर्स तक पहुंची है. यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के रेड लाइट एरिया में रहने वाली सेक्स वर्कर्स से बातचीत की और उनका हाल जाना.
भूखे मरने को मजबूर
ईटीवी भारत से बातचीत में रेड लाइट एरिया में रहने वाली सेक्स वर्कर्स की आंखें भर आई. उनका कहना था कि उन तक कभी कोई सरकारी मदद नहीं पहुंचती. उन तक लोग सिर्फ अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए आते हैं. इन दिनों वह भूखे मरने को मजबूर हैं. कोरोना के बीच न उन तक कोई मदद पहुंच रही है न ही उनका काम चल रहा है. इसकी वजह से वे अपना और अपने बच्चों का पेट पालने में जूझ रही हैं.