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बनारस के होटलों में शोधित जल की आपूर्ति होगी

बनारस में गंगा एक्शन प्लान के तहत गंगा नदी को साफ सुथरा रखने के लिए इसमें गिरने वाले नालों को फिल्टर कर गंदे पानी को साफ करने के बाद गंगा में छोड़ा जा रहा है. जलकल के महाप्रबंधक रघुवेंद्र कुमार (Raghuvendra Kumar, General Manager of Jalkal) ने बताया कि 15वें वित्त आयोग के प्लान के तहत हमें बनारस में दो काम लेना था. पहला जलाशयों यानी कुंड और तालाबों के रखरखाव सुंदरीकरण का कार्य और दूसरा वेस्टेज वाटर को रीयूज करने का प्लान बनाना था. दूसरे प्लान पर हमने काम शुरू कर दिया है.

बनारस के होटलों में सीवर के ट्रीटेड वाटर को लेकर जलकल के महाप्रबंधक रघुवेंद्र कुमार ने कही ये बातें..
बनारस के होटलों में सीवर के ट्रीटेड वाटर को लेकर जलकल के महाप्रबंधक रघुवेंद्र कुमार ने कही ये बातें..

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Published : Oct 17, 2022, 10:19 PM IST

वाराणसी: बनारस में गंगा एक्शन प्लान के तहत गंगा नदी को साफ सुथरा रखने के लिए इसमें गिरने वाले नालों को फिल्टर कर गंदे पानी को साफ करने के बाद गंगा में छोड़ा जा रहा है. लेकिन हर रोज बड़ी मात्रा में वेस्टेज वाटर गंगा के अलावा भी इधर उधर जाकर बर्बाद होता है. इसकी वजह से पानी की बर्बादी तो होती ही है. इसके साथ ही लंबे वक्त से घाटे में चल रहे जलकल को इस पानी से कोई फायदा भी नहीं मिलता है लेकिन अब वाराणसी जलकल ने अपने घाटे को कम करते हुए रेवेन्यू जनरेशन को बढ़ाकर इस वेस्टेज मोटर से मुनाफा कमाने की प्लानिंग की है. इसके तहत बनारस के होटलों में इस वेस्टेज वॉटर की सप्लाई के साथ ही वाराणसी जलकल फायदा कमाने की तैयारी कर रहा है.



इस बारे में बारे में जलकल के महाप्रबंधक रघुवेंद्र कुमार (Raghuvendra Kumar, General Manager of Jalkal) ने बताया कि 15वें वित्त आयोग के प्लान के तहत हमें बनारस में दो काम लेना था. पहला जलाशयों यानी कुंड और तालाबों के रखरखाव सुंदरीकरण का कार्य और दूसरा वेस्टेज वाटर को रीयूज करने का प्लान बनाना था. दूसरे प्लान पर हमने काम शुरू कर दिया है. इसके लिए वाराणसी के गोइठहा स्थित एसटीपी प्लांट से निकलने वाले वेस्टेज वाटर को हम कमर्शियल तरीके से सेल करने की तैयारी कर रहे हैं.

बनारस के होटलों में सीवर के ट्रीटेड वाटर को लेकर जलकल के महाप्रबंधक रघुवेंद्र कुमार ने कही ये बातें..



जलकल महाप्रबंधक ने बताया कि इस स्थिति से लगभग 50 एमएलडी वेस्ट वाटर निकलता है, जो किसी कार्य का नहीं होता है. इसलिए अब जलकर इस पानी को एक विशेष पाइपलाइन के जरिए चौकाघाट लेकर आएगा. चौकाघाट पर एक विशेष वॉटर टैंक तैयार करवाया जाएगा. एक वाटर टैंक में इस पानी को स्टोर किया जाएगा. फिर इसको बनारस के होटल तक सप्लाई किया जाएगा. मुख्य प्लानिंग किया है. इस रीयूज वाटर को होटलों के बाथरूम, गार्डन के अलावा गाड़ियों को साफ करने और अन्य कार्यों में खर्च किया जाएगा. इसके लिए इन होटल से चार्ज भी लिया जाएगा.



जलकल महाप्रबंधक का कहना है कि अब तक होटलों के शौचालय से लेकर गार्डन और गाड़ियों को ढूंढने में अच्छे पानी और साफ-सुथरे पानी का इस्तेमाल होता है. जिससे पानी की बर्बादी तो होती ही है. इसके साथ ही साथ जलकर को कोई फायदा भी नहीं होता. लेकिन, अब इस वेस्टेज मोटर के जरिए पानी की बर्बादी को रोकने के साथ ही जलकल अपने मुनाफे की सोच रहा है. यह प्लान यदि जल्द शुरू हो जाता है. आने वाले कुछ दिनों में ही जलकल को अच्छा मुनाफा भी होगा.

एक नजर

  1. बनारस में रजिस्टर्ड होटल की संख्या 350
  2. गोइठहा एसटीपी 120 एमएलडी वाटर को करता है ट्रीट
  3. एसटीपी प्लांट से निकलता है 50 एमएलडी वेस्टेज वाटर
  4. जलकल हर महीने 25 एमएलडी वेस्टेज वाटर को करेगा सेल
  5. शुरुआत में बनारस के छोटे होटल सर गेस्ट हाउस में होगी सप्लाई
  6. चौकाघाट पर खास वाटर टैंक बनाकर होटलों को दिया जाएगा वेस्टेज मोटर सप्लाई में


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