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कोरोना एंटीबाडी की जांच के लिए 15 जिलों में सीरो सर्वे शुरू

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Published : Dec 29, 2021, 7:52 PM IST

वाराणसी सहित प्रदेश के 15 जिलों में लोगों में एंटीबॉडी की जांच के लिए सीरो सर्वे शुरू हो गया है. जांच में इस बात का निष्कर्ष निकाला जायेगा कि लोगों में कोरोना के प्रति कितनी एंटीबाडी विकसित हुई है.

वाराणसी में सीरो सर्वे
वाराणसी में सीरो सर्वे

वाराणसी: कोरोना के खिलाफ लोगों में विकसित प्रतिरोधक क्षमता यानि कि एंटीबॉडी की जांच के लिए जनपद में एक बार फिर से सीरो सर्वे शुरू हो गया है. इस सीरो सर्वे में जिले से कुल 100 सैंपल एकत्रित किए जाएंगे, जिन्हें जांच के लिए केजीएमयू लखनऊ के माइक्रोबायलॉजी डिपार्टमेंट भेजा जायेगा. जांच में इस बात का निष्कर्ष निकाला जायेगा कि लोगों में कोरोना के प्रति कितनी एंटीबाडी विकसित हुई है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि शासन से प्राप्त निर्देशानुसार यह सर्वे वाराणसी सहित प्रदेश के 15 जिलों में चलाया जा रहा है. इससे पहले स्वास्थ्य विभाग की ओर से 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए जून 2021 में सीरो सर्वे किया गया था. भविष्य में कोविड के बेहतर प्रबंधन के लिए यह जानना जरूरी है कि वर्तमान में लोगों में कोविड से लड़ने के लिए उनके रक्त में एंटीबॉडी मौजूद है. और अलग-अलग समूह के लोगों में ये किस तरह से भिन्न है. सीएमओ ने बताया कि यह अध्ययन स्वास्थ्यकर्मियों और आम जन में आयुवर्ग 60 वर्ष या उससे अधिक एवं 18 से 59 वर्ष तक के लोगों के बीच किया जाना है. क्योंकि इन सभी वर्ग के लोगों को कोविड वैक्सीन अलग-अलग समय पर शुरू किया गया, जिसका असर उनकी एंटीबॉडी पर भी अलग-अलग होगा.

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जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. एसएस कनौजिया ने बताया कि यह सर्वे पांच समूहों में किया जा रहा है, जिसमें पहला कोविड पॉजिटिव स्वास्थ्यकर्मी (1 मई से 31 दिसंबर 2020 के बीच), दूसरा कोविड निगेटिव स्वास्थ्यकर्मी (16 जनवरी 2021 तक), तीसरा 60 वर्ष या उससे अधिक कोविड पॉजिटिव (1 जुलाई 2020 से 28 फरवरी 2021 तक), चौथा 60 वर्ष या उससे अधिक कोविड निगेटिव (1 मार्च 2021 तक) एवं पांचवां 18 से 59 वर्ष के आम जनमानस (मई-अगस्त 2020) शामिल हैं. उन्होंने बताया कि यह सर्वे सोमवार से शुरू हो चुका है. चिन्हित लोगों की सूची राज्य स्तर से भेजी गयी है, जिनसे संपर्क कर उनकी सहमति ली जाएगी. इसके बाद उनके सहमति पत्र से ब्लड सैंपल लिया जाएगा और सीरम को अलग करके केजीएमयू लखनऊ के माइक्रो बायलोजी डिपार्टमेंट भेजा जायेगा.

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