वाराणसी: जिले के सारनाथ स्थित वन विभाग परिसर में मंगलवार को सृजन सामाजिक विकास न्यास एवं वन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में विश्व आर्द्रभूमि दिवस पर गोष्ठी का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम में साहित्यकार डॉ. नीरजा माधव ने कहा कि प्रकृति में अनेक रंग होते हैं, प्रकृति से ही हमें सब कुछ मिलता है. प्रकृति को बचाने के लिए मानव को सचेत होना होगा.
विश्व आर्द्रभूमि दिवस पर हुआ गोष्ठी का आयोजन - वाराणसी खबर
वाराणसी के सारनाथ स्थित वन विभाग परिसर में मंगलवार को सृजन सामाजिक विकास न्यास एवं वन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में विश्व आर्द्रभूमि दिवस पर गोष्ठी का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम में प्रोफेसर संजीव कुमार चौरसिया, बीडी पांडे अन्य लोगों ने अपने विचार रखे.
कार्यक्रम में मौजूद नीरजा माधव ने कहा कि प्रकृति को नुकसान पहुंचता है, तो मनुष्य द्वारा ही नुकसान पहुंचाया जाता है. हमारे पूर्वज भी प्रकृति की रक्षा करने की बात करते हैं. पॉलिथीन की जरूरत नहीं थी, तो उसे क्यों बनाया गया. प्रकृति की जानकारी हमारे धर्म द्वारा हमारे संस्कारों में दी जाती हैं. हमें प्रकृति को प्रकृति के हवाले कर देना है.
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रो. जितेंद्र ने कहा कि प्रकृति के हाथ में हर नियंत्रण है. प्रकृति किसको कहां मिलती है यह प्रकृति ही जानती है. इस मौके पर प्रोफेसर संजीव कुमार चौरसिया, बीडी पांडे अन्य लोगों ने अपने विचार रखे. वहीं इस मौके पर पर्यावरण मित्र अनिल सिंह को पर्यावरण व जल संरक्षण के लिए डॉ. नीरजा माधव को डीएफओ द्वारा भारत गौरव रत्न प्रदान किया गया.