वाराणसी: सावन के पवित्र महीने की शुरुआत हो चुकी है. पवित्र महीने की शुरुआत के साथ ही सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई को पड़ रहा है. वाराणसी में सावन के पहले सोमवार की विशेष तैयारियां हैं, क्योंकि इस बार पहले से भी ज्यादा संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. इसकी बड़ी वजह यह है कि सावन इस बार 1 महीने नहीं, बल्कि 59 दिनों का है. वहीं, अधिक श्रद्धालु होने के चलते बाबा विश्वनाथ के मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों को 30 मिनट से ज्यादा वक्त नहीं मिलेगा.
यादव समुदाय लोग करेंगे बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक
इस बार श्री हरि विष्णु की उपासना के साथ भोलेनाथ की उपासना विशेष फलदाई मानी जा रही है. यही वजह है कि काशी में जबरदस्त भीड़ होने का अनुमान है और शनिवार से ही वाराणसी में कांवड़ियों की भीड़ आना शुरू हो गई है. सावन के पहले सोमवार को काशी में भक्तों के साथ सावन की विशेष परंपराओं का निर्वहन भी किया जाएगा, जिसमें यादव समुदाय के हजारों लोग बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक भी करेंगे.
जलाभिषेक की अलग से की जा रही व्यवस्था
काशी में ऐसी मान्यता है कि कई 100 साल पहले भयानक सूखा पड़ा था. उस वक्त काशी के यादव समुदाय के लोगों ने बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करने के साथ ही उनसे बारिश की मुराद मांगी थी, जिसे बाबा विश्वनाथ में पूरा किया था तभी से यह परंपरा चली आ रही है और कल यानी सावन के पहले सोमवार पर हजारों की संख्या में यादव बंधु बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करने के लिए पहुंचेंगे, इसके लिए अलग व्यवस्था की जा रही.
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मंदिर के चारों प्रवेश द्वार से मिलेगी एंट्री
वहीं काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि इस बार सावन के महीने में शिवभक्तों के लिए विश्वनाथ धाम में खास इंतजाम हैं. धाम में रेड कार्पेट पर शिवभक्तों का स्वागत होगा और लाइन में लगने के महज 30 मिनट के भीतर ही भक्त बाबा का दर्शन और जलाभिषेक कर वापस लौट पाए ऐसे इंतजाम किए गए है. इसके लिए मंदिर के चारों प्रवेश द्वार से भक्तों को एंट्री मिलेगी जो सीधे बाबा के गर्भगृह तक पहुंचाएगी.
धाम में तैनात रहेगी डॉक्टरों की टीम
इसके अलावा लाइन में लगे श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं का भी विशेष ख्याल रखा जाएगा. इसके लिए डॉक्टरों की टीम भी धाम में तैनात रहेगी. गौरतलब है कि पिछले साल सावन के महीने में 70 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा का दर्शन किया था. इस बार ये आंकड़ा दो गुने से अधिक हो सकता है, क्योंकि इस बार सावन 30 दिनों के बजाय 59 दिनों का है.
सावन के सोमवार को भी बाबा के दर्शन के लिए शिवभक्तों को ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा. बाबा धाम में भक्तों की राह सुगम हो इसके लिए सावन के सभी सोमवार को सुगम दर्शन के अलावा अन्य टिकट भी नहीं बेचे जाएंगे. सिर्फ शिवभक्त आम भक्तों की तरह ही लाइन में खड़े होकर बाबा का दर्शन पूजन कर पाएंगे.
पाइप से करना होगा जलाभिषेक
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के CEO सुनील कुमार वर्मा का कहना है कि 40%-50% से ज्यादा भक्तों को गंगा के रास्ते से दर्शन कराने की तैयारी की जा रही है. उन्होंने बताया कि धाम में आने वाले भक्तों को 30 मिनट में दर्शन कराने का प्रयास होगा. श्रद्धालुओं के लिए रेड कार्पेट बिछाकर पुष्प वर्षा किया जाएगा. कई जगहों पर लगी बड़ी एलईडी टीवी से बाबा के दर्शन का सजीव प्रसारण होता रहेगा. इसके अलावा भक्तों के लिए पीने का पानी, पंखा कूलर आदि का इंतजाम भी किया गया है. साथ ही बरसात से बचाव के भी उपाय किये गए हैं. वहीं बुजुर्गों दिव्यांगजनों के लिए निःशुल्क ई-रिक्शा और व्हील चेयर का इंतजाम होगा. इसके साथ ही गर्भगृह में प्रवेश और स्पर्श दर्शन की अनुमति नहीं होगी. भक्तों को बाहर से ही झांकी दर्शन और पाइप से जलाभिषेक करना होगा.
फूल के दाम चढ़ रहे आसमान
इस बार महादेव की नगरी में भक्तों की संख्या काफी ज्यादा आ रही है. ऐसे में यहां पर धतूरा, फूल की बिक्री बहुत अधिक बढ़ गई है. मांग बढ़ने के साथ ही फूल के दाम आसमान छूने लगे हैं. वहीं, फूल व्यापारी भाव बढ़ने की वजह बारिश का होना बता रहे हैं. इस बार मौसम की वजह से फूलों का दाम दोगुना हो गए हैं. फूल मंडी में सबसे ज्यादा महंगा गेंदे का फूल है. इसकी कीमत लगभग 20 रुपये अधिक चल रही है. व्यापारियों का कहना है कि मांग बहुत ज्यादा है. खेतों में फूलों की पैदावार कम होने की वजह से फूलों की आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं.
दर्शन के लिए जा रहे हैं तो रखें इन बातों का ख्याल
बाबा विश्वनाथ मंदिर में बहुत सी चीजें प्रतिबंधित हैं. माचिस, लाइटर, सिगरेट, पान मसाला, गुटखा, पेन, इलेक्ट्रॉनिक वॉच, मोबाइल फोन कोई भी नोकिला हथियार कोई भी अन्य तरह का वेपन पूरी तरह से प्रतिबंधित है. इसके अलावा फोर व्हीलर की या टू व्हीलर की इलेक्ट्रॉनिक चाभियां, कैमरा भी मंदिर में प्रवेश नहीं करेगा. मंदिर में पहुंचने के लिए टू व्हीलर, फोर व्हीलर पूरी तरह से प्रतिबंधित है. गाड़ी को पार्किंग में ही छोड़कर आगे बढ़ें. मंदिर सुबह लगभग 3:30 बजे मंगला आरती के साथ ही खुलेगा.
आगरा में सोमवार तक रहेगा रूट डायवर्जन, जान लें ये नए रास्ते
आगरा जिले के चारों कोने पर शिवालय हैं. आगरा में सावन माह के हर सोमवार को शिवालय में मेला लगता है. सावन माह के पहले सोमवार को कांवड़ यात्रा निकलेगी. इसके साथ ही शहर के प्रमुख शिव मंदिरों में पूजा-अर्चना व जलाभिषेक भी श्रद्धालु करने पहुंचेंगे, जिसे देखते हुए शहर में सुरक्षा और ट्रैफिक रुट डायवर्जन का प्लान बनाया गया है. इसके तहत शहर में बाहरी और आंतरिक ट्रैफिक रुट डायवर्जन किया जा रहा है.