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सांता क्लॉज दे रहे लोगों को 'दो गज की दूरी, मास्क है ज़रूरी' का संदेश

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में इस बार कोरोना को देखते हुए अनोखे तरीके से क्रिसमस का पर्व मनाया जा रहा है. काशी के बाजारों में तैयारियां बेहद जोरों शोरों पर चल रही है. इस बार सांता क्लॉज़ हाथों में चॉकलेट और झोले में उपहार के बजाय, अपने हाथों में सैनिटाइजर और झोले में मास्क लेकर लोगों को 'दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी' का संदेश देते नजर आ रहे हैं.

दो गज की दूरी, मास्क है ज़रूरी का संदेश देते सांता
दो गज की दूरी, मास्क है ज़रूरी का संदेश देते सांता

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Published : Dec 25, 2020, 10:04 AM IST

वाराणसी: 25 दिसंबर को मनाए जाने वाले क्रिसमस के पर्व को लेकर धर्म की नगरी काशी में खास तैयारियां की गई हैं. क्रिसमस को लेकर लोगों में उत्साह का माहौल देखा जा रहा है. क्रिसमस के मौके पर बाजारों में कोरोना संक्रमण से बचने का संदेश देते हुए सांता क्लॉज अनोखे अंदाज में नज़र आ रहे हैं. दरअसल वाराणसी के बाज़ार में सांता क्लॉज कोरोना वायरस संक्रमण से बचने का संदेश दे रहे हैं.

झोले में उपहार के बजाय सांता ने रखा सैनिटाइजर
क्रिसमस डे के मौके पर वाराणसी में सांता क्लॉज़ हाथों में चॉकलेट और झोले में उपहार के बजाय, इस बार अपने हाथों में सैनिटाइजर और झोले में मास्क के साथ 'दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी' का संदेश नजर देते आ रहे हैं. दरअसल कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इस बार क्रिसमस का त्यौहार बेहद ही सीमित तरीके से मनाया जा रहा है.

सांता बताएं तो बच्चे जल्दी मानेंगे
वहीं लोगों की माने तो वह भी इस बार दो गज दूरी, मास्क है जरूरी के साथ क्रिसमस का पर्व मना रहे हैं. साथ ही लोगों का मानना है कि बच्चों को सांता कोरोना से बचने का संदेश दें तो यह संदेश बच्चे ज्यादातर मानेंगे.

अनोखे अंदाज में आए सांता
अनोखे अंदाज में सांता को रखने वाले दुकानदार की मानें तो हर बार क्रिसमस के मौके पर सांता एक ही होते हैं, और वह बच्चों में उपहार के साथ खुशियां बांटते हैं. लेकिन इस बार कोरोना की वजह से सांता का भी बदलता स्वरूप बाजार में लाया गया है. जिससे लोगों में अलग संदेश जाए और वह वैश्विक महामारी कोरोना से बच सकें.

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