वाराणसीः संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में मौजूद दुर्लभ पाण्डुलिपियों के संरक्षण के लिए विश्वविद्यालय ने सोमवार को एक एएमयू साइन किया है. विश्वविद्यालय ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) के साथ 2 वर्षों का करार किया है. जिसके तहत अब आईजीएनसीए के सहयोग से पाण्डुलिपियों का संरक्षण किया जाएगा. खास बात यह है कि इस करार के तहत 2 वर्षों के लिए विश्वविद्यालय को लगभग 24 लाख रुपये की धनराशि मुहैया कराई जाएगी. जिससे उचित मशीनों व सामग्रियों का खरीदारी कर पाण्डुलिपियों को संरक्षित किया जा सकेगा.
पाण्डुलिपियों के संरक्षण के लिए विश्वविद्यालय ने किया एएमयू साइन
बता दें, कि धर्म नगरी काशी में मौजूद संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के सरस्वती पुस्तकालय में लगभग 95,000 दुर्लभ पाण्डुलिपियां उपलब्ध हैं, जो जर्जर स्थिति में हैं. इन पांडुलिपियों के संरक्षण के लिए विश्वविद्यालय के द्वारा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र नई दिल्ली से पाण्डुलिपि संरक्षण केंद्र पर दो वर्षों तक के लिए समझौता हुआ है. जिसमें विश्वविद्यालय को 12 लाख रुपये साल के हिसाब से 24 लाख रुपये की आर्थिक धनराशि मुहैया कराई जाएगी.
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