वाराणसी : जनपद के विद्यार्थियों को घर बैठे संस्कृत एवं धर्मशास्त्र का ज्ञान देने के लिए वाराणसी के सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय ने एक नए पहल की शुरुआत की है. जिसके तहत विश्वविद्यालय ने संस्कृत संवर्धन प्रतिष्ठान के सहयोग से एक वर्षीय डिप्लोमा एवं छह माह का प्रमाणपत्रीय पाठ्यक्रम संचालित करने का निर्णय लिया है. इसके लिए सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय एवं संस्कृत संवर्धन प्रतिष्ठान नई दिल्ली के बीच मंगलवार को संयुक्त हस्ताक्षर कर एक समझौता किया गया है.
ऑनलाइन डिप्लोमाःबता दें कि, इस समझौते से विश्वविद्यालय में कई पाठ्यक्रम की शिक्षा विद्यार्थियों के पास ऑनलाइन उपलब्ध होगी. इस बारे में बुधवार को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर हरे राम त्रिपाठी ने बताया कि यह प्रतिष्ठान सदैव विद्यार्थियों की सुविधा को ध्यान में रखकर ही अपने पाठ्यक्रम संचालित करता आया है. इसे देखते हुए विश्वविद्यालय में ऑनलाइन विभिन्न तरह के पाठ्यक्रम संचालित करने का अनुबंध किया गया है.
इस अनुबंध के तहत विषयों के पाठ्यक्रम के संचालन के लिए संस्कृत संवर्धन प्रतिष्ठान तथा सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है. कुलपति ने बताया कि पाठ्यक्रम से जो भी आय होगी. उसमें 35 प्रतिशत विश्वविद्यालय के खाते में आयेगा. शेष राशि संस्कृत संवर्धन प्रतिष्ठान अपने पाठ्यक्रम संचालन में सम्पूर्ण व्यय करेगा. इसके साथ ही पाठ्यक्रम के संचालन से विद्यार्थियों को अमूलचूल लाभ भी प्राप्त होगा.
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ये विषयपाठ्यक्रम में होंगे शामिलःउन्होंने बताया कि इस समझौते के तहत एक वर्ष का डिप्लोमा एवं 6 माह का प्रमाणपत्रीय पाठ्यक्रम संचालित किया जायेगा. इसमें ऑनलाइन संचालित होने वाले पाठ्यक्रमों में ये 12 विषय शामिल होंगे.
1-श्रीमद्भागवतगीता
2- योग
3- वेदान्त
4- आयुर्वेद साहित्य
5 - नाट्य शास्त्र