बुजुर्ग महिला कलावती की बहू आशा ने बताया. वाराणसी:देश केप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वाराणसी की एक 103 वर्षीय महिला कलावती प्रभावित हुई हैं. उन्होंने शहर के लालपुर स्थित अंबेडकर क्रीडा स्टेडियम में आयोजित "सांसद खेल प्रतियोगिता 2023" में 100 मीटर की दौड़ लगाई. बुजुर्ग महिला का यह साहस चर्चा का विषय बन गया है. ईटीवी भारत की टीम ने बुजुर्ग महिला के घर पहुंचकर उनके खान-पान और दिनचर्या के बारे में जानने की कोशिश की. यहां उनकी बहू आशा सिंह से टीम से खास बातचीत की.
बुजुर्ग महिला ने 100 मीटर की दौड़ लगाई. खेल प्रतियोगिता से युवाओं में आया बदलाव
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मंत्र ‘खेलेगा इंडिया तो खिलेगा इंडिया’ एक अभियान चलाया है. इस अभियान से देश के युवाओं में खेल के प्रति समझ में बदलाव आया है. इसे देखते हुए सांसद खेल प्रतियोगिता की भी शुरुआत की गई. इस तरह वाराणसी में सांसद खेल प्रतियोगिता 2023 की शुरुआत बीते बुधवार को की गई. इस समारोह का समापन उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने किया था.
बुजुर्ग महिला कलावती देवी अपनी बहू के साथ. लाखों लोगों ने कराया रजिस्ट्रेशन
वाराणसी के डीएम एस.राजलिंगम ने बताया कि सांसद खेलकूद प्रतियोगिता में इस वर्ष 2 लाख 76 हजार लोगों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया था. जिसमें 2 लाख से अधिक प्रतिभागियों ने विभिन्न खेलों में प्रतिभाग किया. इस खेल का जज्बा ऐसा रहा कि एक 103 वर्षीय वृद्धा कलावती देवी ने भी ट्रैक पर दौड़ लगाई. बुजुर्ग महिला का यह साहस देख लोगों में चर्चा का विषय बन गया.
103 वर्षीय बुजुर्ग महिला कलावती देवी. 'खेलेगा भारत तो खिलेगा भारत' से हुई प्रभावित
शहर के उत्तरी विधानसभा क्षेत्र के परमानंदपुर निवासी बुजुर्ग महिला कलावती 103 वर्ष की हैं. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'खेलेगा भारत तो खिलेगा भारत' की नीति से प्रभावित होकर सांसस खेल प्रतियोगिता के 100 मीटर दौड़ में हिस्सा लिया था. इस उम्र में यह जज्बा सभी को प्रोत्साहित कर रहा है.
कलावती की बहू ने बताया
कलावती देवी का ख्याल रखने वाली रिश्ते में बहू आशा सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि उनकी सास कलावती देवी सुबह 5 बजे उठती हैं. यहां वह पास के ही विद्यालय के कैंपस में एक से डेढ़ किलोमीटर रोजाना टहलती हैं. इसके साथ ही वह नियमित समय से भोजन करती हैं. सुबह हल्का नाश्ता में वह सेब लेती हैं. इसके बाद एक गिलास दूध पीती हैं. वहीं दोपहर को बिल्कुल सादा भोजन रोटी-सब्जी या दाल-चावल खाती हैं. रात के भोजन में वह सब्जी-रोटी और दूध लेती हैं. इसके साथ ही वह तले भूने खाने से परहेज करती हैं.
तला हुआ भोजन नहीं करती बुजुर्ग महिला
आशा सिंह ने बताया कि बुजुर्ग कलावती देवी को वह बुआ कह कर बुलाती हैं. उनके वाराणसी सांसद खेल कूद प्रतियोगिता में भाग लेने को लेकर कहा कि लोगों को उनसे सीख लेनी चाहिए कि जो भोजन यह करती हैं. वही भोजन हम लोगों को भी करना चाहिए, क्योंकि तला हुआ भोजन स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है. कलावती देवी साग सब्जी का अधिक सेवन करती हैं. इसके साथ ही लोगों को सलाह देती हैं कि तला हुआ भोजन नहीं करना चाहिए. इस तरह का भोजन करने से ही लोग अस्वस्थ होते हैं.
कलावती देवी से लोगों को मिलता है हौसला
बुजुर्ग कलावती देवी के जीवन को लेकर आशा सिंह ने बताया कि उनकी शादी बहुत ही कम उम्र में हो गई थी. उन्हें कोई संतान न होने की वजह से उनके पति ने इन्हें छोड़ दिया था. इसके बाद से ही वह मायके में आकर रह रही हैं. वह अपने भतीजे डॉ. अशोक कुमार सिंह के परिवार के साथ रहती हैं. कलावती से उन लोगों को बहुत हौसला मिलता है.
103 वर्ष की उम्र में भी पूरी तरह स्वस्थ्य
कलावती देवी के स्वास्थ्य के बारे में आशा सिंह ने बताया कि इन्हें किसी तरह की कोई बीमारी नहीं है. इनका बीपी सुगर सभी नॉर्मल है. वहीं इनका स्वास्थ्य अभी 1 दिन से कुछ अस्वस्थ हुआ है, क्योंकि आजकल वायरल फीवर काफी ज्यादा फैला है. वहीं कलावती देवी ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि उन्हें सांसद खेलकूद प्रतियोगिता में भाग लेकर काफी अच्छा लगा.
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