चंदौली :उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे राजनीतिक सरगर्मियां तेज़ हो रहीं हैं. दूसरी तरफ आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है. पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली में समाजवादी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी के साथ जिला प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं.
समाजवादी पार्टी को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं भारतीय जनता पार्टी सत्ता का लाभ उठाकर जबरन जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट पर कब्जा न जमा ले. समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष ने जिला प्रशासन पर भी भाजपा का एजेंट होने का आरोप लगाया है. यही नहीं, उन्होंने राज्य निर्वाचन आयोग पर भी सवालिया निशान खड़ा कर दिया है. कांठ का उल्लू तक कह डाला है.
चंदौली समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष सत्यनारायण राजभर ने इस बात की आशंका व्यक्त की है कि भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सत्ता का लाभ उठाकर इस चुनाव को जीतना चाहते हैं. समाजवादी पार्टी ने बाकायदा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जिला प्रशासन को भी कटघरे में खड़ा किया है. कहा कि जिला प्रशासन के लोग भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं.
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आरोप लगाया कि बीजेपी पुलिस औऱ प्रशासन के बल पर चुनाव जीतने में जुटी है. पुलिस सपा सदस्यों को फोन कर धमका रही है. फर्जी मुकदमें में फंसाने की बात कह रही है. इसे देखते हुए जिलाध्यक्ष ने जन आंदोलन की बात कहते हुए वोटिंग के दिन हजारों की संख्या में लोगों से जुटने का आह्वान किया है.
वहीं, ईटीवी भारत से बातचीत में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष छत्रबली सिंह ने सपा के सभी आरोपों को निराधार बताया. कहा कि भाजपा उम्मीदवार दीनानाथ शर्मा को 20 जिला पंचायत सदस्यों का समर्थन प्राप्त है. सभी सदस्य खुलकर नामांकन में शामिल हुए. जीत के लिए 18 सदस्यों की ही आवश्यकता है. कहा, 'मुझे धनबल या बाहुबल का प्रयोग करने की कोई आवश्यकता नहीं है बल्कि यह काम तो पूर्व सांसद और समाजवादी पार्टी के लोग कर रहे है'.
बता दें कि चंदौली में जिला पंचायत के 35 सदस्य है. इसमें सपा समर्थित 15, भाजपा के 8, बसपा 5 सदस्य है जबकि 7 निर्दलीय है. हालांकि समाजवादी पार्टी जादुई आंकड़े 18 के सबसे करीब है. लेकिन इसे सिद्ध कर पाना काफी मुश्किल दिखाई दे रहा है.
कानपुर में भी डर रही सपा
कानपुर में भी जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में समाजवादी पार्टी को भितरघात का डर सता रहा है. पार्टी के पास 11 जिला पंचायत सदस्य हैं और उसे जीत के लिए छह सदस्यों की जरूरत है. इसके बावजूद पार्टी के रणनीतिकार इस बात से डरे हुए हैं कि कहीं उनके सदस्य भाजपा के खेमे में न चले जाएं. इसीलिए वे दूसरे सदस्यों को अपने खेमे में लाने के साथ ही अपनी पार्टी के सदस्यों को भी एकजुट रखने का प्रयास कर रहे हैं.
पीलीभीत जिला पंचायत चुनाव में ठगी सी रह गई सपा
यूपी जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में सबसे बड़ा उलटफेर पीलीभीत में देखने को मिला. यहां जिला पंचायत सदस्य स्वामी प्रवक्ता नंद को सपा ने अध्यक्ष पद का प्रत्याशी बनाया था लेकिन स्वामी प्रवक्ता नंद ने मंगलवार को अपना नाम वापस लेकर बीजेपी प्रत्याशी को समर्थन का ऐलान कर दिया है. इस सियासी खेल में सपा के अरमानों पर बीजेपी ने पानीफेर दिया है.