वाराणसी: ओशो के संदेश को प्रसारित करने के लिए स्वामी शैलेंद्र धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी पहुंचे. उन्होंने काशी में दो दिवसीय शिविर को संबोधित किया, जहां देश के कोने-कोने से भक्तों का तांता लगा रहा. शिविर के समापन सत्र में भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी शैलेंद्र ने शिव को एक वैज्ञानिक स्वरूप बताया और कहा कि वह आधुनिक वैज्ञानिक हैं.
सद्गुरु शैलेंद्र सरस्वती ने बताया कि वह भगवान शिव की नगरी में ओशो का संदेश लेकर आया हूं. ओशो ने भगवान शिव के 2 ग्रंथों पर विवेचना की है. पहला ग्रंथ है शिव सूत्र और दूसरा है विज्ञान धारा ग्रंथ, जिसमें भगवान शिव ने पार्वती को ध्यान की 112 विधि बताई हैं. जिसमें ओशो का कहना है कि 112 विधि परम है. इससे अधिक विधि कोई ध्यान की नहीं हो सकती है. अकेले भगवान शिव ने ध्यान विज्ञान डेवलप किया है. यह बहुत आश्चर्य की बात है कि हजारों वर्ष बीत गए, इसमें अब तक कुछ नया नहीं जोड़ा जा सका है.