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शर्मनाक: जमीन पर बैठकर ट्रेन का इंतजार करती रही विदेशी पर्यटक, लाउंज में पड़ा रहा ताला

वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन पर बने अंतरराष्ट्रीय पर्यटक लाउंज पर ताला लटका होने से विदेशी महिला पर्यटक को काफी परेशानी हुई. विदेशी महिला को घंटों पर्यटक लाउंज के बाहर जमीन पर बैठना पड़ा लेकिन रेलवे के अधिकारियों ने उसके लिए लाउंज का ताला नहीं खोला.

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Published : Apr 7, 2019, 11:57 PM IST

पायदान पर बैठकर इंतजार करती रशियन पर्यटक ऐना

वाराणसी: रेलवे यात्रियों की सुविधा के लिए रोज कोई न कोई योजना लाने का दावा कर रहा है पर यात्रियों को सुविधा के नाम पर सुविधाएं शायद ही मिल पा रही हैं. काशी सिर्फ धर्म की ही नहीं बल्कि पर्यटन के नजरिए से भी काफी महत्वपूर्ण नगरी है. यहां रोज हजारों की तादाद में विदेशी पर्यटक भारतीय रेल से सफर करके आते हैं.

देखिए रेलवे की लापरवाही दिखाती यह रिपोर्ट

अगर सरकार की मानें तो विदेशी पर्यटकों की सुविधा के लिए रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा की पहल पर कैंट रेलवे स्टेशन पर अंतरराष्ट्रीय पर्यटन केंद्र का शुभारंभ किया गया था, पर यही पर्यटक केंद्र अब विदेशी पर्यटकों को सुविधा देने में असमर्थ नजर आ रहा है. इस पर हर समय ताला लटका रहना और अगर कभी ताला खुल भी जाए तो स्टाफ का न होना, विदेशी पर्यटकों को काफी दिक्कतों का सामना करवाता है.

रविवार को वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन पर बने अंतरराष्ट्रीय पर्यटक लाउंज पर ताला लटका होने से एक महिला विदेशी पर्यटक काफी परेशान नजर आई. महिला ने अपना नाम ऐना बताया, जो रशिया से वाराणसी आई थी और यहां से कोलकाता की ओर रवाना हो रही थी. वह अपनी ट्रेन का इंतजार कर रही थी जो कि कुछ समय देरी से आने वाली थी. इसकी वजह से ऐना विदेशी पर्यटकों के लाउंज में जाकर बैठना चाहती थी पर जब वह इस लाउंज पर पहुंची तो उन्हें निराशा हाथ लगी क्योंकि वहां ताला बंद था. ऐना ने कुछ देर इधर-उधर देखा और फिर वही अंतरराष्ट्रीय लाउंज के पायदान पर अपना सामान रखकर बैठ गई.

जब ईटीवी ने इस बारे में उनसे बातचीत करने की कोशिश की तो महिला ने बताया कि वहां हर कोई जमीन पर ही बैठा था और लाउंज के बाहर ताला बंद था तो वह भी जमीन पर ही बैठ कर अपने ट्रेन का इंतजार करने लगी. हालांकि, ऐना का कहना है कि उन्हें किसी तरीके की कोई ऐसी तकलीफ नहीं हुई. उन्होंने कोशिश की कि अगर आस पास कोई अधिकारी हो तो उससे बातचीत की जाए, किसी अधिकारी के न मिलने पर उन्होंने भी ज्यादा प्रयास नहीं किया और जमीन पर बाकी यात्रियों की तरह ही बैठकर अपनी ट्रेन का इंतजार करने लगी. ऐना ने कहा कि जब भारतीय लोगों के लिए कोई खास व्यवस्था नहीं की गई है तो नहीं यह नहीं लगा कि विदेशियों के लिए भी कोई व्यवस्था की जाएगी. शायद यही वजह थी कि लाउंज में भी ताला बंद था.

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