वाराणसी:गलियों का शहर बनारस. जहां पुरातन शहर को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. संकरी गलियों में बसे इस शहर में बढ़ रही आबादी की वजह से बहुत सी दिक्कतें होने लगी हैं. इस शहर में सैकड़ों साल पुरानी गलियां उनमें पड़ी सीवर लाइन, पीने के पानी की पाइप लाइन अब आबादी के हिसाब से ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही हैं. यही वजह है कि गलियों के शहर बनारस में सीवर ओवरफ्लो की समस्या आम हो गई है. इन गलियों में न बड़ी मशीनें जा सकती हैं और न सीवर के अंदर घुसकर जलकल विभाग के कर्मचारी इसकी सफाई कर सकते हैं.
सीवर और मैनहोल की सफाई करेंगे रोबोट.
रोबोट और जेट्टिंग लोडिंग मशीनें मंगाने का फैसला
अब जलकल विभाग ने इस समस्या का समाधान करने के लिए कुछ ऐसे रोबोट और जेट्टिंग लोडिंग मशीनें मंगाने का फैसला किया है. यह मशीनें गलियों के शहर बनारस में सीवर की समस्या का पलक झपकते ही समाधान करेंगी.
जलकल विभाग के जीएम ने दी जानकारी
जलकल विभाग के जीएम नीरज गौड़ ने बताया कि बनारस को गलियों का शहर कहा जाता है. यहां जलकल के पास लगभग 839 किलोमीटर की सीवर लाइन मौजूद है. इसमें अधिकांश अंग्रेजों के समय की पुरानी पाइप लाइन है. गलियों में बिछी पाइप लाइन की सफाई करना बहुत ही मुश्किल काम है. इसकी सफाई के लिए मजदूरों को मैनुअल में उतारा जाता है, लेकिन जहरीली गैस की चपेट में आने से मजदूरों की मौत भी हो जाती है.
ऐसा न हो इसके लिए गलियों में सीवर सफाई के लिए बैंडीकूट रोबोट के अलावा जेट्टिंग, रोडिंग-ग्राबिंग मशीन मंगवाई जा रही है. 14 वें वित्त आयोग से महापौर के अलावा नगर आयुक्त की सहमति मिलने के बाद इन मशीनों की खरीद की जाएगी. इसका ट्रायल लिया जा चुका है. ट्रायल में सफल होने के बाद इन मशीनों का ऑर्डर भी दिया जा चुका है.
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प्रदेश में पहली बार रोबोटिक आर्म वाली मशीन से होगा सीवर सफाई का काम
जीएम का कहना है कि 50 किलोग्राम भार वाली इस मशीन को मैनहोल के ऊपर लगा कर रोबोट को अंदर उतारा जाएगा. रोबोटिक आर्म 360 डिग्री के कोण पर घूमते हुए कचरे की सफाई करेगा. इसके पहले इस तरह की मशीन का इस्तेमाल केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, हरियाणा और गुजरात में किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश में पहली बार इस तरह के रोबोटिक आर्म वाली मशीन से सीवर और मैनहोल की सफाई का काम किया जाएगा.