वाराणसी: जिले के चौधरी चरण सिंह रोडवेज बस स्टेशन पर रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद द्वारा 5 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया. धरना प्रदर्शन में सभा की अध्यक्षता अरविंद कुमार सिंह क्षेत्रीय अध्यक्ष रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद और सभा का संचालन मनोज कुमार यादव क्षेत्रीय मंत्री रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के क्षेत्र के द्वारा किया गया. धरने पर बैठे लोगों ने मांग पत्र पर चर्चा करते हुए बताया गया कि जुलाई 2018 से बकाया महंगाई भत्ते की भुगतान कराया जाए. प्रदेश से शहर के स्थानों पर तैनात कर्मियों का भी मकान किराया भत्ता पुनरीक्षित दरों पर भुगतान, लंबित वेतन विसंगतियों का अविलंब समाधान, पदोउन्नति ढांचा पुनर्गठित किया जाए.
5 सूत्रीय मांगों को लेकर रोडवेज कमर्चारियों ने किया धरना प्रदर्शन
चौधरी चरण सिंह रोडवेज बस स्टेशन पर रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद द्वारा 5 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया. लोगों ने कहा कि हमारी मांगे नहीं मानें गई तो आगामी विधानसभा चुनाव में इनका विरोध किया जाएगा.
नियुक्ति संविदा चालकों परिचालकों और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित नियुक्ति प्रदान किया जाए और शेष संविदा चालकों परिचालकों की चरणबद्ध नियमितीकरण की योजना बनाई जाए. सभी श्रेणी के संविदा चालकों परिचालकों और आउटसोर्स कर्मियों के परिश्रमिक में बाजार महंगाई के दृष्टिगत प्रत्येक वर्ष सुनिश्चित किया जाए. अनुबंधित बसों के संचालन में की जा रही अनियमितताओं पर रोक लगाई जाए, और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम का उत्तर प्रदेश राज्य की रोडवेज में पुनर्गठित किया जाए.
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हम लोगों का धरना प्रदर्शन 5 सूत्रीय मांगों को लेकर किया जा रहा है. इसको लेकर हम लोगों ने शासन स्तर एवं निगम अफसर द्वारा कई बार चर्चा भी की है. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हमारी मुख्य मांगे महंगाई भत्ता हैं. हम लोग अभी 7% ही पा रहे हैं जबकि राज्य कर्मचारी 28% महंगाई भत्ता पा रहे हैं. कोविड-19 में हमारे कर्मचारियों की जो मृत्यु हुई थी उनके आश्रितों को सरकार द्वारा नौकरी देने की बात की गई थी पर अभी तक उसको पूरा नहीं किया गया है. संविदा आउटसोर्सिंग के कर्मचारी जो लंबे समय से काम करते चले आ रहे है उनको चरणबद्ध तरीके से नियमित किया जाए जो आज तक नहीं किया गया है. उसी के विरोध में हम लोगों द्वारा धरना दिया जा रहा है. यदि हमारी मांगे नहीं मानें गई तो आगामी विधानसभा चुनाव में इनका विरोध किया जाएगा.