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मूर्त रूप ले रहा विश्वनाथ कॉरिडोर, गंगा घाट के रास्ते पहुंचेंगे विश्वनाथ मंदिर

पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर का काम धीरे-धीरे मूर्त रूप लेने लगा है. 30 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी के बनारस आगमन पर उन्हें कॉरिडोर के प्रस्तावित गंगा घाट से सटे रास्ते से मंदिर तक ले जाया गया. मंदिर तक जाने वाला रास्ता भी सामने आ चुका है. ललिता घाट से शुरू होने वाले कॉरिडोर के रास्ते के सामने आने के बाद इस पर लोगों का आवागमन शुरू हुआ है.

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Published : Dec 3, 2020, 7:37 PM IST

Updated : Dec 3, 2020, 8:26 PM IST

30 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी के बनारस आगमन पर उन्हें कॉरिडोर के प्रस्तावित गंगा घाट से सटे रास्ते से मंदिर तक ले जाया गया.
30 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी के बनारस आगमन पर उन्हें कॉरिडोर के प्रस्तावित गंगा घाट से सटे रास्ते से मंदिर तक ले जाया गया.

वाराणसी:सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां एक तरफ मां गंगा के निर्मलीकरण का संकल्प लिया. वहीं सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर बाबा विश्वनाथ के मंदिर के विस्तारीकरण का भी बीड़ा उठाया. पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर का काम अब धीरे-धीरे मूर्त रूप लेने लगा है. 30 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी के बनारस आगमन पर उन्हें कॉरिडोर के प्रस्तावित गंगा घाट से सटे रास्ते से मंदिर तक ले जाया गया. मंदिर तक जाने वाला रास्ता भी सामने आ चुका है. ललिता घाट से शुरू होने वाले कॉरिडोर के रास्ते के सामने आने के बाद इस पर लोगों का आवागमन शुरू हुआ है और इसे परमानेंट रूप से तैयार करने का काम भी तेजी से चल रहा है.

30 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी के बनारस आगमन पर उन्हें कॉरिडोर के प्रस्तावित गंगा घाट से सटे रास्ते से मंदिर तक ले जाया गया.
बनेंगी सीढ़ियां, लगेगा एस्कलेटर

दरअसल ललिता घाट के इस प्रस्तावित मार्ग से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गाड़ियों का काफिला विश्वनाथ मंदिर के मुख्य द्वार तक पहुंचा था और इस रास्ते के तैयार होने के बाद आम श्रद्धालुओं के लिए इसे और भी आसान और सुगम बनाने का काम तेजी से चल रहा है. कार्यदायी संस्था यहां सीढ़ियों के निर्माण के साथ ही दो एस्केलेटर भी लगाने का काम करेंगी, ताकि वृद्ध और दिव्यांग श्रद्धालु आसानी से गंगा घाट से सीधे विश्वनाथ मंदिर तक पहुंच सकें.

जेट्टी का डिजाइन भी बदला

वहीं ललिता घाट पर बनाई जा रही जेट्टी के डिजाइन में कुछ बदलाव भी किए गए हैं. इस बारे में कमिश्नर दीपक अग्रवाल का कहना है कि इनलैंड वाटरवेज अथॉरिटी ने पहले मणिकर्णिका घाट पर बनाए जाने वाली जेट्टी को सीधे न बनाकर साइड से बनाने की बात कही थी, ताकि बड़े जहाज अगर भविष्य में बनारस आते हैं तो उन्हें इस जेट्टी की वजह से दिक्कत न हो. यही वजह है कि ललिता घाट से जेट्टी से ऊपर चढ़कर सामने आए नए रास्ते से भक्त सीधे विश्वनाथ धाम तक पहुंच सकेंगे. इतना ही नहीं घाट के ऊपर तैयार होने वाले पहले एस्केलेटर से श्रद्धालुओं को मल्टीपरपज हॉल तक पहुंचाया जाएगा और दूसरे एस्केलेटर से मंदिर के पूर्व गेट तक ले जाया जाएगा. इसके बाद 3 मीटर सीढ़ियों से नीचे उतर कर श्रद्धालु बाबा दरबार में सीधे प्रवेश पाएंगे.

28 फीसदी काम पूरा

वहीं विश्वनाथ कॉरिडोर का लगभग 28 फीसद काम भी पूरा हो चुका है. सबसे भव्य रूप कॉरिडोर के मंदिर चौक का होना है और यह आकार लेने लगा है. 7700 वर्ग फुट में बनने वाली इस भव्य इमारत को तीन मंजिल में बनाया जाना है. इसमें इंपोरियम, गैलरी, यात्री सुविधा केंद्र और अन्य कई सुविधाएं भी शामिल होंगी.

इस रास्ते को परमानेंट रूप से तैयार करने का काम भी तेजी से चल रहा है.
गुलाबी पत्थर से सज रहा दरबार

कमिश्नर दीपक अग्रवाल का कहना है कि चुनार के गुलाबी पत्थरों से धाम तैयार किया जा रहा है. अब तक 65,000 क्यूबिक फुट से अधिक गुलाबी पत्थर धाम में लगाए जा चुके हैं और मंदिर का चौक हिस्सा भी भव्य रूप लेने लगा है. 24 इमारतें कुल बनाई जानी हैं, जिनमें से 19 इमारतों पर काम शुरू हो चुका है. वहीं गोदौलिया चौराहे पर भी विश्वनाथ धाम की भव्यता का एहसास कराने के लिए लगभग 19 फुट चौड़ा 32 फुट ऊंचा दो मंजिला द्वार भी बनाया जाएगा.

Last Updated : Dec 3, 2020, 8:26 PM IST

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