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पीएम मोदी को सीधी चुनौती देने वाले राहुल गांधी ने आखिर क्यों बनाई बनारस से दूरी - final phase

वाराणसी में प्रियंका गांधी तो रोड शो कर अपनी और कांग्रेस की ताकत की धमक पूर्वांचल में जाहिर करेगी, लेकिन राहुल गांधी ने आखिर क्यों बना ली है पीएम मोदी के संसदीय सीट वाराणसी से दूरी. यही कुछ बड़े सवाल हैं, जिससे लगता है कि कहीं चुनाव से पहले ही तो हार नहीं मान बैठे हैं राहुल गांधी.

प्रियंका गांधी का रोड शो.

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Published : May 15, 2019, 3:25 PM IST

Updated : May 17, 2019, 2:44 PM IST

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में आज कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव पूर्वांचल प्रभारी प्रियंका गांधी अपनी ताकत दिखाने जा रही हैं. जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने नामांकन से पहले बनारस में रोड शो करके बीजेपी की ताकत को दिखाते हुए यह सुनिश्चित कराया था कि उनके सामने कोई विपक्षी दल बनारस पर टिकने वाला नहीं है. वही आज प्रियंका भी बनारस में कुछ इसी तर्ज पर उन्ही सड़को से होकर निकलने वाली हैं.

राहुल गांधी ने वाराणसी में नहीं की एक भी सभा
रोड शो की शक्ल में जहां पर प्रधानमंत्री ने अपना रोड शो करके बीजेपी को मजबूती दी थी, लेकिन इन सबके बीच एक सवाल यह उठ रहा है कि क्या बनारस में राहुल गांधी ने कांग्रेस की हार को पहले ही स्वीकार कर लिया है. यह सवाल उठना इसलिए भी लाजमी है क्योंकि हर सभाओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने वाले राहुल गांधी ने बनारस में अब तक एक बार भी न ही कोई सभा की है न ही पब्लिक से मुलाकात कर कांग्रेस की नीतियों पर चर्चा की है.

प्रियंका गांधी पर है पूरा दारोमदार
इन सब के बीच खाली प्रियंका गांधी का बनारस में आकर दूसरी रोड शो में सड़क पर उतरना इंडिकेशन दे रहा है कि कहीं ना कहीं से कांग्रेस वाराणसी सीट पर पहले ही प्रधानमंत्री को वाक ओवर दे रखा है और इसी वजह से कांग्रेस अध्यक्ष वाराणसी में एक बार भी नहीं आए.

वाराणसी में कांग्रेस की स्थिति
दरअसल बनारस में कांग्रेस का वजूद 1991 के बाद से पूरी तरह से खत्म होता दिख रहा है 1991 से लेकर 1999 से 2003 तक बीजेपी का एकछत्र राज वाराणसी की लोकसभा सीट पर रहा, लेकिन 2004 में कांग्रेस के राजेश मिश्रा ने जीत हासिल कर एक बार फिर से कांग्रेस को बनारस में मजबूती देने की कोशिश की. वहीं इसके बाद फिर से 2009 और 2014 में बीजेपी एक बार फिर से बनारस में अपना परचम लहराया जिसके बाद अब कांग्रेस बनारस के साथ उत्तर प्रदेश में अपने वजूद की तलाश कर रही है.

देखें रिपोर्ट.

प्रियंका पहले भी कर चुकीं है वाराणसी में प्रचार
इन सबके बीच बनारस में पूर्वांचल प्रभारी के तौर पर प्रियंका का रोड शो करना और इससे पहले प्रयास से बनारस की गंगा यात्रा कर कांग्रेस को मजबूती देने की कोशिश करना यह दर्शाने की कोशिश है कि कांग्रेस अपने कदम पीछे नहीं खींच रही है लेकिन इन सबके बीच राहुल गांधी का देश की सबसे हॉट सीट कही जाने वाली बनारस लोकसभा सीट से दूरी बनाए रखना कहीं ना कहीं से यह दर्शा रहा है कि बनारस में प्रधानमंत्री मोदी के रोड शो और पिछली बार मिली उनकी बड़ी जीत की वजह से कांग्रेस अपनी हार को लेकर पहले ही आश्वसत होकर ज्यादा कोशिशों में समय नहीं गंवाना चाह रही है.


क्या कहतीं है पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता पंखुड़ी पाठक
हालांकि कांग्रेस के वाक ओवर की बात पर पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता पंखुड़ी पाठक का कहना है कि बनारस में कोई काम हुआ ही नहीं है. प्रधानमंत्री मोदी ने खाली झूठे वादे करके अपने घोषणापत्र में जो चीजें कहीं उसको पूरा नहीं किया. काशी की जनता हिसाब मांग रही और कांग्रेस को पूरी मजबूती के साथ बनारस को जिताने के लिए तैयार है.

बीजेपी नेता कौशल किशोर का पलटवार
वहीं बीजेपी नेता और प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्रा का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ बनारस में चुनाव कोई लड़की क्यों रहा है क्योंकि उनके 5 सालों के विकास को देखकर बनारस की जनता किसी और को चुनने वाली ही नहीं है सिर्फ खानापूर्ति हो रही है.

हर पार्टी चुनाव लड़के बनारस में अपनी साख बचाने का प्रयास कर रही है. फिलहाल प्रियंका के आज के रोड शो के बाद कांग्रेस को 19 मई के मतदान में कितने मत मिलते हैं. इसका फैसला तो 23 को होगा लेकिन यह सच है कि इस पूरे चुनावी प्रक्रिया के दौरान बनारस की सीट से राहुल गांधी की दूरी यह सवाल जरूर खड़ा कर रही है कि आखिर पीएम मोदी के खिलाफ हर जगह जाकर हल्ला बोलने वाले राहुल ने बनारस से दूरी बनाए जो पीएम मोदी का गढ़ है पीएम मोदी की संसदीय सीट है वहां पर पहुंच कर प्रधानमंत्री मोदी से कोई सवाल क्यों नहीं किया.

Last Updated : May 17, 2019, 2:44 PM IST

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