वाराणसी: मुंबई में 26/11 हमले के दौरान छत्रपति शिवाजी टर्मिनल पर आतंकी अजमल कसाब से सीधे भिड़ने वाले आरपीएफ के रिटायर्ड जवान जिल्लू यादव का मंगलवार रात हार्टअटैक से निधन हो गया. उनके निधन की सूचना धीरे-धीरे पूरे गांव में फैलती गई और पूरा गांव गम के माहौल में डूब गया. वाराणसी के रहने वाले जिल्लू यादव की जाबांजी की वजह से पूरा गांव चर्चा में आया था और उन्हें अजमल आमिर कसाब से सीधे लोहा लेने के मामले में 2009 में राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मान किया गया था.
वाराणसी के चोलापुर थाना क्षेत्र के गोसाईपुर मोहाव गांव के रहने वाले जिल्लू यादव लगभग 70 वर्ष के थे. उन्हें मंगलवार को सीने में दर्द और बेचैनी की शिकायत के बाद अस्पताल ले जाया गया था, जहां पर डॉक्टरों ने इलाज के दौरान उन्हें मृत घोषित कर दिया. देर रात उनकी डेट बॉडी परिवार के लोग लेकर घर पहुंचे. उनके निधन का समाचार मिलते ही लोगों की भीड़ जुटना शुरू हो गई. जिल्लू यादव ने अजमल आमिर कसाब के साथ सीधी टक्कर ली थी और उन्हें इस बात का बेहद पछतावा था कि उनके हाथ में उस समय कोई बंदूक नहीं थी, जिससे वह कसाब को अपनी ही गोली का निशाना बना पाते. हालांकि, बाद में जब कसाब को फांसी की सजा हुई तो उन्होंने इस पर खुशी भी जाहिर की थी.
बता दें कि 26/11 हमले के दौरान जिस वक्त शिवाजी टर्मिनल पर कसाब अपने साथियों के साथ 303 राइफल से गोलियां बरसा रहा था. उस वक्त जिल्लू यादव ने डंडे के बल पर इन सभी को खदेड़ा था और कसाब से सीधी टक्कर भी ली थी. उस वक्त जिल्लू यादव ने अपने साथी जीआरपी के जवान से मैगजीन खाली होने के बाद उसे फिर से लोड कर रहे कसाब पर गोलियां चलाने के लिए भी कहा था. लेकिन, जब जीआरपी जवान हिम्मत नहीं जुटा पाया तो उसकी राइफल लेकर जिल्लू ने आतंकियों पर फायर किया था. लेकिन, बाद में राइफल जाम होने के कारण वह आतंकियों को ढेर नहीं कर पाए.