वाराणसी: बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी जो घाटों के अल्हड़पन से लेकर यहां की गलियों की कहानी के लिए विश्व प्रसिद्ध है. यही वजह है कि यहां की पौराणिक मान्यताओं और कहानियों को जानने के लिए विदेशों से पर्यटक आते हैं, लेकिन कोरोना काल में काशी से विदेशी पर्यटकों का नाता टूट सा गया था. लेकिन सरकार के प्रयास और काशी के आधुनिक स्वरूप ने यहां देशी पर्यटन को बढ़ावा दिया और इसमें विश्वनाथ धाम ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के साकार होते स्वरूप ने काशी को एक नया आयाम दिया है और यही वजह है कि काशी में एक नया टूरिज्म विकसित हो रहा है, जिसे रिलिजियस टूरिज्म कहा जा रहा है. खास बात यह है कि विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के दौरान होने वाले 1 माह के उत्सव ने इस रिलीजियस टूरिज्म को एक नई उड़ान दी है.
रिलिजियस टूरिज्म के लिए विश्वनाथ धाम है मील का पत्थर
विश्वनाथ धाम का काशी के पर्यटन में एक महत्वपूर्ण योगदान है. इस बाबत राजनीतिक विश्लेषक रवि प्रकाश पांडे ने बताया कि काशी में हमेशा से 2 टूरिस्ट सर्किट ने काम किया है. एक सारनाथ का बौद्ध सर्किट और दूसरा मंदिरों का सर्किट, जिसमें विश्वनाथ धाम हमेशा से प्रमुख रहा है. इसने काशी के पर्यटन को और भी ज्यादा विकसित किया है. लेकिन विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद यह और भी वृहद रूप लेगा, साथ ही काशी में रिलीजियस टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा. यहां पर विदेशी पर्यटन हमेशा से ज्यादा रहा है, लेकिन विश्वनाथ धाम यहां पर देशी पर्यटन को बढ़ावा देगा और लोकल लोग भी यहां एक धार्मिक परिपथ से जुड़ने काशी आएंगे. इससे काशी के पर्यटन के साथ-साथ यहां की अर्थव्यवस्था को भी एक नई उड़ान मिलेगी.
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