वाराणसी: काशी से जुड़ी धार्मिक संस्थाओं एवं संगठनों ने दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध मां गंगा की आरती को लेकर प्रशासनिक हस्तक्षेप पर रोक लगाने की मांग की है. धार्मिक संस्थाओं से जुड़े लोगों ने अपनी मांग को लेकर मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है. गंगा आरती की भव्यता को देखते हुए भारत सरकार ने पर्यटन मानचित्र पर इसे अतुल्य भारत (इंक्रेडिबल इंडिया) के रूप मे जोड़ा है, लेकिन हालिया दिनों में परंपरागत आरती पर रोक लगाने के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा हस्तक्षेप किया जा रहा है. विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने मांग की है काशी की परंपरागत धार्मिक क्रियाकलापों पर किसी प्रकार के हस्तक्षेप को रोका जाए और ऐसे स्थलों पर हो रही दर्शनार्थियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा व्यवस्था की जाए.
सोमवार को लहुराबीर स्थित प्लानर इंडिया में गंगा सेवा निधि के संस्थापक अध्यक्ष मुन्न महाराज सभागार में एक बैठक हुई. बैठक में गंगा में आई बाढ़ को लेकर परंपरागत गंगा आरती को स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा का हवाला देते हुए रोक लगाने और सांकेतिक गंगा आरती करने के आदेश को विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने अव्यवहारिक करार दिया. गंगा आरती से जुड़े लोगों का कहना है कि बनारस में गंगा आरती और अन्य धार्मिक परंपरा को अक्षुण बनाए रखना जितना काशी की जनता और संस्थाओं का दायित्व है उतना ही जिला प्रशासन का भी है. हमेशा से ही संस्थाओं ने जिला प्रशासन और पुलिस का सहयोग किया है.