वाराणसी: नगर निगम वाराणसी के परिवहन विभाग में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले को लेकर शुरू हुई जांच की आंच कई लोगों तक पहुंच चुकी है. इस पूरे प्रकरण में बुधवार को मिली जांच रिपोर्ट के आधार पर गुरुवार की सुबह नगर आयुक्त की तरफ से 5 कर्मचारियों को निलंबित कर एक एक्सईएन के खिलाफ शासन को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की गई है.
अब माना जा रहा है कि उन कर्मचारियों और अधिकारियों से रिकवरी की तैयारी शुरू की जाएगी, जो इस पूरे घोटाले में शामिल हैं. अब तक यह घोटाला कितने करोड़ रुपयों का है, यह तो स्पष्ट नहीं हो सका है, लेकिन प्रारंभिक जांच में लगभग 2 करोड़ रुपये से ज्यादा घोटाले के तथ्य अब तक सामने आ चुके हैं. फिलहाल यह घोटाले की रकम अभी और बढ़ सकती है, क्योंकि इस पूरे मामले में जांच अभी भी चल रही है. फैक्ट फाइंडिंग कमेटी अभी तथ्य जुटाने में लगी हुई है.
वाराणसी नगर निगम परिवहन घोटाला. जांच में शामिल 325 फाइलें गायबदरअसल, वाराणसी नगर निगम के परिवहन विभाग में 2018-19 वित्तीय वर्ष में हुए घोटाले को लेकर नगर आयुक्त गौरांग राठी ने जब जांच शुरू करवाई तो कई चौंकाने वाली चीजें सामने आई. जांच में शामिल की गई 500 फाइलों में 325 फाइलें गायब मिली, जिनकी जांच शुरू हुई तो पता चला कि लगभग 108 फाइलें निगम के कबाड़ घर में पड़ी हुई हैं. जब इनकी तलाश शुरू हुई तो यह पता चला कि 186 फाइलें अभी गायब हैं, जिसे लेकर निगम के अधिकारी लगातार इनको तलाशने की कोशिश कर रहे हैं.
कई कर्मचारियों को किया गया है निलंबित
हाल ही में मिली 108 फाइलों की जांच में परिवहन विभाग की तरफ से खरीदे गए ऑटो पार्ट्स के लगभग 22 लाख रुपये से ज्यादा की धांधली सामने आई है. 80 लाख रुपये का अन्य घोटाला भी प्रकाश में आया है, जो परिवहन विभाग से ही जुड़ा हुआ है. इस पूरे प्रकरण में नगर आयुक्त ने फिलहाल इस पूरे मामले में दोषी पाए गए अवर अभियंता परिवहन ललित मोहन श्रीवास्तव, परिवहन लिपिक वाचस्पति मिश्र, पंप लिपिक नवनीत कुमार, पंप लिपिक दिनेश कुमार और जूनियर फीटर संतोष सिंह को निलंबित कर दिया है.
होगी पूर रकम की रिकवरी
वहीं नगर आयुक्त गौरांग राठी का कहना है कि इस पूरे मामले में अब 15 दिनों के अंदर जांच कर अपर नगर आयुक्त अपनी चार्जशीट दाखिल करेंगे. 1 महीने के बाद यह तय होगा कि इन निलंबित हुए कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ और कड़ी कार्रवाई क्या की जाय. फिलहाल प्रथम कार्रवाई के तौर पर निलंबन के बाद अब इनसे रिकवरी की तैयारी की जा रही है. प्रत्येक कर्मचारी और अधिकारी का कितना हिस्सा इस पूरे घोटाले में बना है और कितनी संलिप्तता इनकी चीजों के क्रय-विक्रय में रही है. इस पूरे प्रकरण की पड़ताल करने के बाद एक प्रारूप तैयार कर अलग-अलग हिस्सों में इनसे इस पूरे घोटाले की रकम की रिकवरी की जाएगी.
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