वाराणसी:सड़क पर नियमों की अनदेखी लोगों की जेब हल्का कर दे रही है. जरा सा नियम टूटा नहीं कि चालान आपके घर पहुंच जा रहा है. हाईटेक होते दौर में हर कोई अपने को बचते बचाते सड़क पर गाड़ियों में फर्राटा भर रहा है और सुरक्षित रह रहा है, लेकिन इन सबके बीच पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने वाले लोगों पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं, वह भी प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में.
कपड़े अगर फड़वाना हो तो कीजिए सिटी बस में सफर
विश्वास नहीं होता तो एक बार जरा वाराणसी में चलने वाली सिटी बसों का सफर करके देख लीजिए. बसों के अंदर की फर्श गायब होती जा रही हैं. सीटें ऐसी कि अगर बैठ गए तो उसमें मौजूद कीलें या तो आप को टिटनेस दे देगी या फिर आपके महंगे कपड़े फाड़ देंगी.
इतना ही नहीं आग से बुझाने के लिए भी यहां कोई व्यवस्था नहीं है और न ही छोटी मोटी चोट लगने पर फर्स्ट एड मिलने का कोई चांस यानी अगर आप सिटी बसों में यात्रा कर रहे हैं तो अपने रिस्क पर कीजिए.
...तो ऐसे बनेगा वाराणसी का पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को स्मार्ट बनाने की कवायद चल रही है. इसके तहत पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को भी स्मार्ट करने की बातें लंबे वक्त से जारी हैं, लेकिन स्मार्ट तो तब होगा जब स्थितियां बेहतर होंगी. फिलहाल 130 सिटी बसों का संचालन शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहा है, लेकिन इनमें से 120 से ज्यादा ऐसी बसे हैं, जो अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही हैं.
बदहाल अवस्था में सिटी बसों की सीटें
हालात यह है कि बस के अंदर घुसने से पहले ही आपको बस देखते ही डर लगने लगेगा. बस के दरवाजे रस्सियों से बांधकर रखे गए हैं और अंदर घुसने के साथ ही सीट या तो आपको लकड़ी की मिलेगी या फिर जो आरामदायक सीट मौजूद थी, उनको टूटने-फूटने के बाद वहां मौजूद कीलें आपके कपड़े फाड़ देगी.