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वाराणसी में ईटीवी भारत की पड़ताल, तेजाब बिक्री की सच्चाई आई सामने

क्या वाराणसी में तेजाब की उपलब्धता आसानी से हैं? यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने बनारस के कुछ एसिड के दुकानों पर पहुंचकर पड़ताल की. इसकी पड़ताल में जो कुछ सामने आया वह आपको भी चौंका देगा.

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Published : Oct 13, 2020, 7:48 PM IST

reality check of acid stores in varanasi
दुकान विक्रेता से तेजाब खरीदते संवाददाता

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के गोंडा में मंगलवार को तीन बहनों पर एसिड अटैक किए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. तीनों बहनों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उनका इलाज भी जारी है. इन सबके बीच अक्सर इस तरह की घटना का होना यह सवाल भी खड़े करने लगा है कि क्या उत्तर प्रदेश के हर जिले में एसिड की उपलब्धता आसानी से हैं? इन्हीं सवालों का जवाब तलाशने की कोशिश ईटीवी भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में की. हमने यह जानने की कोशिश की क्या दूसरों की जिंदगी बर्बाद करने वाला यह खतरनाक तेजाब आसानी से उपलब्ध है?

वाराणसी में लगभग 10 से ज्यादा लाइसेंसी तेजाब विक्रेता है
लाइसेंसी दुकानदारों को ही छूट
बनारस में तेजाब की बिक्री लाइसेंस के आधार पर शासनादेश के अनुसार की जाती है. वाराणसी में लगभग 10 से ज्यादा लाइसेंसी तेजाब विक्रेता है, जो केमिकल के साथ तेजाब की बिक्री कर सकते हैं. इनमें से कुछ विक्रेताओं तक पहुंचकर हमने तेजाब की उपलब्धता की पड़ताल की. सबसे पहले चौक क्षेत्र में जब हम पहुंचे तो यहां सकरी गलियों से होते हुए गोविंदपुरा इलाके में जाने के बाद हमें अंदर कटरे में तेजाब तो मिला, लेकिन बदले में आईडी प्रूफ मांगा गया. यहां हम समझ गए कि नियमानुसार सारी चीजें चल रही है.
दुकान विक्रेता से तेजाब खरीदते संवाददाता

क्या है नियम

इसके बाद हम महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के गेट नंबर-2 के सामने अंदर सकरी से गली में संचालित होने वाले एक तेजाब के दुकान की पड़ताल की गई. यहां साधारण आदमी बनकर जब अंदर पहुंचे और तेजाब की मांग की तो विक्रेता का पहला सवाल था तेजाब किस इस्तेमाल के लिए चाहिए? जब हमने अपने घरेलू इस्तेमाल के लिए बताया तब उसकी क्वालिटी के बारे में पूछा गया. कच्चा और पक्का कौन सा? हमने दोनों में अंतर पूछा तो जवाब था कच्चा तेजाब ज्यादा खतरनाक होता है और गहनों से लेकर बर्तन और अन्य ज्वेलरी साफ करने के काम आता है. पक्का तेजाब थोड़ा डाइल्यूट होता है, लेकिन इसकी भी अलग-अलग रैंकिंग होती है. हमने कच्चे तेजाब की मांग की तो, पहला सवाल आया क्या आपके पास आधार कार्ड है? यह सुनकर हम थोड़ा सा हिचके और आधार कार्ड क्यों दें यह सवाल किया तो, जवाब मिला बिना आधार कार्ड के तेजाब नहीं मिलेगा. यह नियम है.

जीएसटी का भी किया भुगतान
संवाददाता ने अपना आधार कार्ड दिया और बदले में उन्हें एक बोतल में 100 रुपये का तेजाब नौ रुपये की जीएसटी का भुगतान करने के बाद पक्का बिल दिया गया. बिल में आधार नंबर भी नोट किया गया और एक गेट पास भी दिया गया. गेट पास मिलने के बाद हमने सवाल किया तेजाब कहां है तो कहा गया कारखाने से मिलेगा. यहां से नहीं.
बिना आधार कार्ड के नहीं मिलेगा तेजाब
जला देगा चमड़ी
हम कारखाने पहुंचे, जहां खतरनाक तेजाब को बड़े-बड़े ड्रमों में भर कर रखा गया था. यहां हमने गेटपास दिखाया तब बदले में हमें एक बोतल में भरकर तेजाब दिया गया, लेकिन इसको हमें हैंडोवर करने से पहले इस के ढक्कन के अच्छे से जांच की गई. यहां तक कि इसे सीधे हाथ में ना देकर एक प्लास्टिक बैग में लपेट कर दिया गया. जब हमने पूछा ऐसा क्यों जवाब मिला यह इतना खतरनाक है, यदि आपक शरीर पर गिर जाएगा तो पूरी स्किन जल जाएगी.
अगर है इतने नियम कानून तो फिर क्यों है ढिलाई
फिलहाल बनारस में इस रियलिटी चेक में तो तेजाब बेचने वाले पास हो गए, लेकिन इन सबके बीच सवाल यही उठता है कि जब तेजाब की बिक्री को लेकर नियम कानून इतने कड़े हैं और नियमों का पालन भी अधिकांश स्थानों पर हो रहा है, तब यह खतरनाक और लोगों की जिंदगी बर्बाद करने वाला तेजाब आसानी से लोगों को मिल कैसे जा रहा है. कौन है वह दोषी जो लोगों को बिना जांच पड़ताल के उपलब्ध करवा रहे हैं.

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