वाराणसी:कुछ समय पहले जब अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन आई तो इसको लेकर समाज में न जाने कितने ही लोगों की सोच बदली, लेकिन बनारस में इस फिल्म के काफी पहले से एक रियल पैडमैन राकेश मिड्ढा मौजूद हैं. राकेश मिड्ढा पिछले 18 सालों से लड़कियों और महिलाओं को पीरियड से जुड़ी तमाम जानकारियों के बारे में जागरूक कर रहे हैं.
ट्रेन में एक बच्ची की हालत ने बना दिया रियल पैडमैन
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में फर्नीचर कारोबारी राकेश मिड्ढा ने ट्रेन में एक 15-26 साल की लड़की को पहली बार पीरियड्स आने पर उसकी मदद की थी. इसके बाद उन्होंने पीरियड्स को लेकर जागरूकता फैलाने और संकोच मिटाने का फैसला लिया और मुफ्त में सैनिटरी पैड बांटना शुरू किया.
बता दें कि पेशे से फर्नीचर कारोबारी राकेश मिड्ढा ने सन् 2000 में ट्रेन यात्रा के दौरान कुछ ऐसा देखा, जो उन्हें पूरी तरह से झकझोर गया. 15-26 साल की लड़की को पहली बार पीरियड आने पर उसके भाई ने समाज के डर से उसकी मदद न की. तब उन्होंने अपना गमछा देकर बच्ची की मदद की थी. इसके बाद उन्होंने पीरियड्स को लेकर जागरूकता फैलाने और संकोच मिटाने का फैसला लिया.
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उस दिन से लेकर आज तक राकेश मिड्ढा स्कूल-कॉलेजों और गांवों में जाकर पीरियड के बारे में जागरूक कर रहे हैं. इतना ही नहीं, वे सबको मुफ्त में सैनिटरी पैड भी बांटते हैं. राकेश बताते हैं कि जब उन्होंने ये काम शुरू किया तो आसपास के लोगों ने उनका काफी मजाक भी उड़ाया. फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी. राकेश के इस काम में मंडली हॉस्पिटल की सीनियर महिला चिकित्सक डॉ. मधुलिका पांडेय भी जुड़ी हुई हैं. आज के आधुनिक समय में भी जहां लोग पीरियड पर चर्चा करना सही नहीं समझते. उस दौर में राकेश मिड्ढा लोगों की सोच बदल रहे हैं. ये वाकई में एक बड़ी बात है.