वाराणसी:वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2020 आज लोकसभा में पेश किया. बजट में शिक्षा को लेकर बहुत सारी घोषणाएं की गई हैं. इसमें जल्द ही नई शिक्षा नीति, शिक्षा में एफडीआई लाना जाएगा, डिप्लोमा के लिए 2020 तक नए संस्थान खोले जाएंगे, स्टडी इन इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी, गरीब छात्रों के लिए ऑनलाइन एजुकेशन होंगे, पीपीपी मॉडल में मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे और पुलिस फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी बनाए जाएंगे. इसमें 99,300 लाख करोड़ शिक्षा के लिए है, जिसमें 3,000 करोड़ स्किल डेवलपमेंट के लिए होंगे.
बजट पर छात्रों की राय
मास कम्युनिकेशन के छात्र मनीष गुप्ता ने बताया कि शिक्षा में जो बजट आया है, वह ठीक है. सरकार का कहना है कि कई हजार करोड़ रुपये वह शिक्षा पर खर्च करेगी. शिक्षा बजट में सरकार जो एफडीआई लाने की बात कर रही है. भविष्य में शिक्षा के लिए यह बहुत ही दुखदाई है. इससे प्राइवेट एजुकेशन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे आम गरीब छात्रों को उच्च शिक्षा लेने में काफी व्यवधान आएंगे. सरकार पीपीपी मॉडल पर विश्वविद्यालयों का निर्माण करेगी, जिससे की विश्वविद्यालय में प्राइवेट लोगों का हस्तक्षेप होगा.
छात्र मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सबसे पहले हम बजट में देखते हैं कि छात्र हितों के लिए बजट में क्या है. शिक्षा के लिए बजट में क्या है, क्योंकि उच्च शिक्षा नीति छात्रों के लिए उपयोगी होती है. शिक्षा पर जो बजट आया है, इसमें पीपीपी मॉडल प्राइवेटेशन की तरफ जा रहा है. सरकार सरकारी संस्थाओं को और बेहतर करने की कोशिश क्यों नहीं कर रही है. सरकार कहीं न कहीं बड़े घरानों को शिक्षा को बेच रही है. आप गरीब छात्रों को शिक्षा से वंचित कर रहे हैं. सरकार प्राथमिक शिक्षकों को विकसित क्यों नहीं कर सकती. छात्र पीपीपी मॉडल संतोषजनक नहीं है.