वाराणसी: सड़कों का जाल और हवाई यात्रा की सुविधा के बाद अब जलमार्ग से भी काशी की यात्रा सुगमता से होने लगी है. विदेशी यात्रियों का एक दल पटना से चलकर मंगलवार को यानी आज वाराणसी पहुंचेगा. श्री काशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण और काशी के कायाकल्प के बाद पहली बार एबीएन राजमहल क्रूज वाराणसी आ रहा है. इसको लेकर पर्यटकों में उत्साह है. क्रूज में सवार विदेशी मेहमान वाराणसी और चुनार घूमेंगे.
बदलते बनारस को देखने के लिए विदेशियों का एक दल पटना से वाराणसी जल मार्ग से आ रहा है. सैलानियों के साथ क्रूज पर सवार असम बंगाल नेविगेशन कंपनी के जीएम कुनाल सिंह ने बताया कि 7 दिनों के इस टूर में देसी और विदेशी सैलानी हैं. फाइव स्टार जैसी सुविधा वाले इस क्रूज पर 13 ब्रिटिश, 3 जर्मन और 2 भारतीय पर्यटक सवार हैं. पर्यटकों का ये सफर 2 सितम्बर को पटना से शुरू हुआ है. जो मनेर, बक्सर, गाजीपुर होता हुआ 6 सितबंर को दोपहर बाद वाराणसी पहुंचेगा.
वाराणसी पहुंचने के बाद ये पर्यटक सारनाथ जाएंगे और काशी विश्वनाथ धाम, गंगा आरती और बनारस की गलियों को देखेंगे. पर्यटकों का ये दल रामनगर फोर्ट और चुनार का किला भी देखगा. जल मार्ग से आया पर्यटकों का ये दल 9 सिंतबर को हवाई मार्ग से अपने को गंतव्य को रवाना हो जाएगा. पीएम नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से काशी का कायाकल्प होने के बाद से ही पर्यटकों की आमद बढ़ गई है. सिर्फ सावन के महीने में ही रिकॉर्ड एक करोड़ से ज़्यादा पर्यटक के काशी पहुंचे थे.
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने पर्यटकों को कोई असुविधा न हो इसलिए सुरक्षा को लेकर वाराणसी पुलिस कमिश्नर से सुरक्षा की मांग की है. एबीएन राजमहल क्रुज की रामनगर बंदरगाह पर लंगर करने की सम्भावना है. इसके पहले वाराणसी से हल्दिया तक जलपोतों से व्यवसायिक सामानों की खेप जा चुकी है. रामनगर में एक बड़े बंदरगाह का निर्माण हुआ है. कुनाल सिंह ने बताया कि क्रूज अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुरूप है. इसमें 22 कमरे हैं, जिसमें 40 लोग रह सकते हैं. कमरों अलावा डाइंनिग हाल, सनडिक, सलून आदि की व्यवस्था है. इस आधुनिक और फाइव स्टार की तरह सुविधा युक्त क्रज पर रहना, ब्रेक फ़ास्ट, लंच और डिनर की भी सुविधा है.
ये भी पढ़ेंःवाराणसी के घाटों पर जमा मिट्टी की सिल्ट, पर्यटकों और पुरोहितों के लिए बढ़ी मुसीबत